ग्वालियर। विशेष सत्र न्यायालय ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लाइनमैन ओमप्रकाश ठाकुर को चार साल की सजा सुनाते हुए चार हजार अर्थदंड लगाया है। इस केस के पंच साक्षी व फरियादी ने घटना का समर्थन नहीं किया था। साक्ष्यों के आधार पर आरोपित को सजा मिली।
विशेष लोक अभियोजक ने पंच साक्षी व फरियादी के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवेदन पेश किया है। विशेष लोक अभियोजक राखी सिंह ने बताया कि 20 जुलाई 2017 को रामेन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने बिजली कंपनी के फूलबाग जोन में पदस्थ लाइनमैन ओमप्रकाश ठाकुर के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया। इसमें बताया कि मैं पहले मकान नं. 66 प्रेमनगर ग्वालियर में किराये से रहता था, इस मकान में अपने नाम से बिजली का मीटर लगवाया था। अब मैं मकान नं 3 प्रेम नगर में रहने लगा हूं। मैंने अपने नाम का बिजली का मीटर नए मकान में लगवाने के लिए फूलबाग जोन में फीस जमा कर दी है, लेकिन इस कार्यालय में लाइनमैन ओम प्रकाश मीटर बदल कर नए मकान में लगाने के बदले में मुझसे 600 रुपये की रिश्वत मांग रहा है। मैं उसे रिश्वत देना नहीं चाहता है, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़वाना चाहता हूं।
इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने इंस्पेक्टर राजीव गुप्ता को कार्रवाई करने संबंधी टीप अंकित कर निर्देशित किया। निरीक्षक ने अभियुक्त के विरुद्ध विधिवत ट्रेप कार्रवाई पूर्ण कर मामला जांच में लिया और न्यायालय में चालान पेश किया। इस केस के फरियादी रामेंद्र मोहन श्रीवास्तव एवं पंच साक्षी कमलेश चंद गोयल ने घटना का पूर्ण समर्थन नहीं किया।
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