ग्वालियर। महिला एवं बाल विकास विभाग डिपार्टमेंट में पर्यवेक्षक के पद पर पदस्थ नीलम कश्यप के टर्मिनेशन आर्डर पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। नीलम को दिनांक 20 मार्च को बर्खास्त किया जाना था परंतु अब स्टेशन आदेश के कारण वह अपने पद पर काम करती रहेंगी।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर भी कार्रवाई
ग्वालियर निवासी शिकायतकर्ता मनीष कश्यप ने बताया कि सन 2011 में महिला बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक के पद पर भर्ती परीक्षा में उनके और नीलम के समानांतर आए थे। उन्होंने अपनी जाति ईमानदारी से ओबीसी भरी थी परंतु नीलम कश्यप ने स्वयं को अनुसूचित जाति का बताया है। इसके कारण उनकी नियुक्ति हो गई। मनीष कश्यप का कहना है कि मध्यप्रदेश में कश्यप जाति ओबीसी में आती है। मनीष कश्यप ने डिपार्टमेंट से इसकी शिकायत की परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई। फिर उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की। इसके बाद डिपार्टमेंट ने मामले की जांच की और दिनांक 20 फरवरी 2023 को आदेश जारी किए की नीलम कश्यप को बर्खास्त कर दिया जाए। आदेश का पालन करने हेतु 1 महीने का समय दिया गया।
महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एमएल मेहरा ने डिपार्टमेंट से जारी हुए टर्मिनेशन ऑर्डर की पुष्टि करते हुए बताया कि बताया कि, इस आदेश के खिलाफ नीलम कश्यप ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी जिसके आधार पर उन्हें स्थगन आदेश मिल गया है। अतः उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया है और वह अपने पद पर काम कर रही हैं।
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