GWALIOR NEWS- पढ़िए, मंत्री नरेंद्र तोमर को कोरोना केस में क्लीनचिट अचानक सुर्खियों में क्यों है

ग्वालियर। भारत सरकार के कृषि मंत्री एवं ग्वालियर के दिग्गज नेता श्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ दर्ज कोरोनावायरस रोकथाम की गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में पुलिस ने क्लीन चिट दे दी परंतु केस में खात्मा लगाने वाले सब इंस्पेक्टर कोर्ट में पेश होने से संकोच कर रहे हैं। 

घटना का संक्षिप्त विवरण- फ्लैशबैक 

ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। उनके समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। अक्टूबर 2020 में उपचुनाव का आयोजन हुआ। इस दौरान केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चुनावी सभाओं को संबोधित किया। दावा किया गया कि सभाओं में कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ। जागरूक नागरिक श्री आशीष प्रताप सिंह ने भाजपा और कांग्रेस की चुनावी सभाओं को रोकने और नेताओं के खिलाफ कोविड-19 गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला दर्ज करने के लिए पहले अधिकारियों से शिकायत की और फिर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई। न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 

जांच अधिकारी कोर्ट में पेश क्यों नहीं हुए

इस मामले में पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी। इन्वेस्टिगेशन में सब इंस्पेक्टर श्री मुकेश शर्मा ने दावा किया कि, चुनावी सभा में कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं हुआ और इसके लिए केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर जिम्मेदार नहीं है। याचिकाकर्ता श्री आशीष प्रताप सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई। कार्यक्रम के वीडियो और फोटो पेश किए। अब इस मामले में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर श्री मुकेश शर्मा से सवाल जवाब किए जाने हैं। यदि कोर्ट में पाया गया कि सब इंस्पेक्टर श्री मुकेश शर्मा ने किसी व्यवहार, दबाव या लालच में आकर पद का दुरुपयोग करते हुए केस में खात्मा लगाया है तो माननीय न्यायालय उनके खिलाफ एक्शन ले सकता है।

इतना पुराना मामला फिर से सुर्खियों में क्यों आ गया

मामला विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी एमएलए कोर्ट) में चल रहा है। पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी। सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो गई है और फैसले का समय आ गया है। या तो कोर्ट केस क्लोज कर देगा या फिर केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर को दोषी घोषित करते हुए सजा सुनाई जाएगी। यदि सजा 2 साल या इससे अधिक हो गई तो श्री राहुल गांधी की तरह केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की संसद की सदस्यता समाप्त हो जाएगी। मंत्री पद भी चला जाएगा और अगला चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। 

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