Madhya Pradesh Government employees news
मध्यप्रदेश में कर्मचारियों के ट्रांसफर पर 11 महीने प्रतिबंध रहता है। मुख्यमंत्री की अनुमति से 1 महीने के लिए प्रतिबंध खोला जाता है और इस दौरान कर्मचारियों के ट्रांसफर होते हैं परंतु ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रतिबंध काल में कर्मचारी के ट्रांसफर का एक इनोवेटिव आईडिया इजाद किया है। अब देखना यह है कि, ग्वालियर के कलेक्टर और कमिश्नर जिला शिक्षा अधिकारी को शाबाशी में क्या देते हैं।
ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार का इनोवेशन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अक्षर कैसे रहते हैं कि नवाचार करना चाहिए। ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसा नवाचार करके दिखाया है कि, मुख्यमंत्री भी डिसाइड नहीं कर पाएंगे, ताली बजाएं या थाली। मामला यह है कि नवंबर 2022 में ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्र में संचारित एक शासकीय स्कूल में पदस्थ महिला शिक्षक सुश्री वंदना चौहान की शिकायत हुई। शिकायत में बताया गया कि वह नियमित रूप से स्कूल नहीं आती है। शिकायत के आधार पर सुश्री वंदना चौहान को सस्पेंड कर दिया गया। दिसंबर 2022 में आरोप पत्र दिया गया और फरवरी 2023 में उनकी सेवाएं ग्वालियर शहरी क्षेत्र के एक विद्यालय में बहाल कर दी गई। इस प्रकार महिला शिक्षक का ग्वालियर ग्रामीण से ग्वालियर शहर में ट्रांसफर भी हो गया और सीएम समन्वय की जरूरत भी नहीं पड़ी।
संयुक्त संचालक ऐसा हो तो सिस्टम दुरुस्त कैसे रहेगा
यह मामला ग्वालियर से भोपाल तक सुर्खियों में आ गया। चर्चा का प्रमुख केंद्र बना हुआ है लेकिन श्री दीपक पांडे संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ने पत्रकार श्री विक्रम सिंह तोमर को बयान दिया है कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। किसी कर्मचारी को गांव से सस्पेंड कर के शहर में बहाल नहीं कर सकते। हम जिला शिक्षा अधिकारी से जवाब मांगे। नियमानुसार कार्यवाही करेंगे। इधर जिला शिक्षा अधिकारी श्री अजय कटियार का कहना है कि महिला शिक्षक को ग्वालियर ग्रामीण के स्कूल से सस्पेंड करके ग्वालियर शहर के स्कूल में जहां पद रिक्त था वहां बहाल किया गया है। इस प्रकार किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है।
जांच का विषय होना चाहिए कि, श्री अजय कटियार ने इस प्रकार के नियमानुसार काम और कितने किए हैं और सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस प्रकार की नियमानुसार कार्रवाई सभी विभागों में सभी कर्मचारियों के लिए की जा सकती है या फिर केवल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विशेष अधिकार दिया गया है।
✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।