दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में बतौर स्टाफ नर्स काम करने वाली एक लड़की का बॉयफ्रेंड मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहता है। कुछ दिनों पहले दोनों के बीच अनबन हो गई। बॉयफ्रेंड ने उससे बात करना बंद कर दिया। बॉयफ्रेंड को मनाने के लिए स्टाफ नर्स दिल्ली से ग्वालियर आई परंतु बात नहीं बन पाई। इसके बाद फिर वही हुआ, जो दूसरी बीमारियों के मामले में होता है। जब डॉक्टर के इलाज से मरीज ठीक नहीं होता तो किसी बाबा का दरबार तलाशना पड़ता है।
स्टाफ नर्स ने भी ऐसा ही किया। इंटरनेट पर उसने ऑनलाइन सर्च करना शुरू किया। एक व्यक्ति मिला जिस ने दावा किया कि उसके द्वारा की जाने वाली विशेष पूजा से उसका बॉयफ्रेंड उसके बस में आ जाएगा। हमेशा उसकी बात मानेगा और कभी उससे दूर नहीं जाएगा। स्टाफ नर्स को यही चाहिए था। स्टाफ नर्स ने पुलिस को बताया कि, उसे आश्वासन दिया गया था कि जैसे ही पूजा शुरू होगी उसके पास उसके ब्वॉयफ्रेंड के मोबाइल नंबर से कॉल आएगा, परंतु से रिसीव नहीं करना है। ₹18000 एडवांस लेने के बाद पूजा शुरू की। जैसा कहा था वैसा ही हुआ। पूजा शुरु होते ही बॉयफ्रेंड के मोबाइल से कॉल आ गया। उसे बाबू पर विश्वास हो गया। बाबा ने उससे 2 दिन में ₹80000 ले लिए।
स्टाफ नर्स को जब बाबा की बातों पर शक होना शुरू हुआ तो उसने किसी दूसरे नंबर से अपने बॉयफ्रेंड को कॉल लगाया। तब उसे पता चला कि उसके बॉयफ्रेंड ने उसे फोन नहीं किया था। जब स्टाफ नर्स ने अपने मोबाइल से उसी नंबर पर डायल किया तो वह फोन कनेक्ट नहीं हुआ। स्टाफ नर्स को समझ में आ गया था कि साइबर ठगी का शिकार हो चुकी है। अब इस मामले की जांच कर रही है।
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