Madhya Pradesh Chunav politics news
मध्यप्रदेश की वह महिलाएं जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी लाडली बहना घोषित करते हुए हर महीने ₹1000 देने का ऐलान किया है, उनमें से कुछ महिलाएं मई महीने के पहले सप्ताह में राजधानी भोपाल आकर मुख्यमंत्री के घर का घेराव करेंगी।
लाडली बहना नहीं शासकीय कर्मचारी का दर्जा चाहिए: आशा-ऊषा कार्यकर्ता
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश शासन के लिए काम करने वाली आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का हितग्राही घोषित किया है। इसके तहत सभी महिला कार्यकर्ताओं को ₹1000 महीने दिया जाएगा, लेकिन शासन की अस्थाई महिला कर्मचारियों को मुख्यमंत्री की या भेंट स्वीकार नहीं। उनका कहना है कि, मिशन संचालक की अनुशंसा को लागू किया जाए। जिसके तहत आशा-ऊषा को 10,000 एवं पर्यवेक्षकों को 15,000 रुपये मासिक वेतन प्रदान किया जाए। इसी प्रकार उन्हें भी व्यवस्था का अंग मानते हुए उनके लिए सरकारी अस्पतालों में विश्राम कक्ष की व्यवस्था की जाए।
पहले जल सत्याग्रह करेंगे और फिर मुख्यमंत्री के घर का घेराव
देर रात धरनास्थल पर पुलिस के कुछ आला अधिकारी भी पहुंचे और आंदोलन कारी महिलाओं से चर्चा की। इस बीच आंदोलित कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो 29 अप्रैल तक क्रमिक भूख हड़ताल करेंगी। उसके बाद जल सत्याग्रह किया जाएगा और 3 मई को भोपाल में सीएम हाउस का घेराव किया जाएगा। उल्लेख आवश्यक है कि जबलपुर में आशा-ऊषा कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों का आंदोलन करीब डेढ़ महीने से जारी है।
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