Jiwaji University Gwalior news
जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर की स्थाई समिति की बैठक के बाद 198 कॉलेजों में से 195 कॉलेजों को बीएड की संबद्धता दे दी गई। केवल 3 कॉलेजों की बीएड की संबद्धता को रोका गया। इस फैसले के बाद स्थाई समिति की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं क्योंकि जिन 195 कॉलेजों को बीएड की संबद्धता दी गई है उनमें से कुछ गड़बड़ है और नियम अनुसार उनकी बीएड की संबद्धता रोकी जानी चाहिए थी।
स्थाई समिति में कुछ सदस्यों ने आपत्ति उठाई थी परंतु....
बताया गया है कि, जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कराए गए संबद्धता निरीक्षण की रिपोर्ट में कुछ कालेज ऐसे भी थे जिनकी कमियों का उल्लेख था, लेकिन विश्वविद्यालय की स्थाई समिति ने उन्हें नजरअंदाज करके सभी को संबद्धता दे दी। यहां बता दें कि स्थायी समिति में जब इन रिपोर्ट पर चर्चा हुई तो कुछ सदस्यों ने अपनी आपत्ती दर्ज करवाई। एक सदस्य ने तो नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब सभी फैसले अपने मन से लिए जाने होते हैं तो बैठक बुलाने का कोई अर्थ नहीं निकलता है। हालांकि लंबी बहस के बाद देर शाम तक चली इस बैठक में बीएड कालेजों की संबद्धता का काम पूरा हो गया।
B.Ed कॉलेजों में कौन-कौन सी गड़बड़ मिली थी
- दस्तावेजों में शिक्षकों की नियुक्ति दिखाई गई लेकिन शिक्षक उपस्थित थे या नहीं, यह जानकारी दर्ज नहीं की।
- शिक्षकों की नियुक्ति का उल्लेख किया गया परंतु नियुक्ति पत्र संलग्न नहीं किए गए।
- कॉलेज के शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को वेतन भुगतान का बैंक स्टेटमेंट, रिपोर्ट में नहीं है।
- कॉलेज की बिल्डिंग में कोई दूसरा कोर्स, कोई दूसरा स्कूल या कोई दूसरा कॉलेज संचालित हो रहा है, इसका उल्लेख नहीं है।
- निरीक्षण रिपोर्ट में BEd कोर्स की संबद्धता दिए जाने के लिए स्पष्ट अनुशंसा नहीं की गई है।
कुल मिलाकर निरीक्षण दल ने अपनी रिपोर्ट में कुछ भी झूठ नहीं बोला लेकिन बड़ी चतुराई से सच को छुपा लिया गया है। रिपोर्ट पड़ने पर स्पष्ट होता है कि कई कॉलेजों में गंभीर गड़बड़ियां हैं। कुछ कॉलेज तो ऐसे हैं जिनका केवल बोर्ड लगा हुआ है। भवन पर बड़ा बोर्ड किसी दूसरे स्कूल या कॉलेज का है और वही संचालित भी होता है। BEd कॉलेज केवल फाइलों में संचालित हो रहा है।
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