Legal advice- किस दण्ड न्यायालय को कितनी सजा, जुर्माना की शक्तियां प्राप्त हैं, अवश्य पढ़िए ताकि सनद रहे

Bhopal Samachar
जब कोई व्यक्ति किसी अपराध को अंजाम देता है तो उसका अपराध भारतीय दण्ड संहिता,1860 या किसी विशेष विधि के अंतर्गत दर्ज होता है लेकिन अपराध के बाद की जो कार्यवाही होती है वह दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत पूरी की जाती है। यहां एक बात और ध्यान देने योग्य है, दण्ड प्रक्रिया संहिता की सम्पूर्ण प्रक्रिया सिर्फ आपराधिक मामलों में ही होती है। सिविल मामलों में नहीं होती। 
 
आज हम आपको बताएगे की किस दण्ड न्यायालय को कितनी सजा और कितना जुर्माना देने की शक्ति प्राप्त है:-
(1). द्वितीय वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, विशेष महानगर मजिस्ट्रेट:- विधि द्वारा प्राधिकृत एक वर्ष तक के करावास का दण्ड या पाँच हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने की शक्ति प्राप्त है।
(2). प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, महानगर मजिस्ट्रेट :- विधि द्वारा प्राधिकृत तीन वर्ष की कारावास या दस हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनो से दण्डित करने की शक्ति प्राप्त है।
(3). मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट:- विधि द्वारा प्राधिकृत सात वर्ष तक की कारावास एवं जुर्माना से दण्डित करने की शक्ति प्राप्त है।
(4). सहायक सत्र न्यायाधीश:- विधि द्वारा प्राधिकृत दस वर्ष तक के कारावास एवं जुर्माना से दण्डित करने की शक्ति प्राप्त है।
(5). सत्र न्यायालय के न्यायाधीश , अपर सत्र न्यायाधीश:- विधि द्वारा प्राधिकृत किसी भी प्रकार का दण्ड देने की शक्ति लेकिन मृत्यु दण्ड देने से पहले हाईकोर्ट की पुष्टि आवश्यक होती है।
(6) उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय को:- विधि द्वारा प्राधिकृत कोई भी दंडादेश देने की शक्तियां प्राप्त है।

इस प्रकार भारत की न्याय व्यवस्था में अनुशासन स्थापित किया गया है। ना तो हर प्रकार के न्यायालय में हर प्रकार के मामलों की सुनवाई हो सकती है और ना ही कोई भी न्यायधीश किसी भी प्रकार के मामले की सुनवाई के बाद दंड का आदेश दे सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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