न्यायालय किसी भी वारण्ट के निष्पादन के लिए पुलिस अधिकारी को निदिष्ट करता है लेकिन कुछ परिस्थितियों में न्यायालय वारण्ट को पुलिस अधिकारी को निदिष्ट न करके किसी अन्य व्यक्ति को निदिष्ट कर सकता है कब जानिए।
CrPC 1972 की धारा 72
1. दण्ड प्रक्रिया संहिता,1972 की धारा 72 के अनुसार:- यदि किसी वारण्ट का तुरंत निष्पादन करना अति आवश्यक है और कोई पुलिस अधिकारी तुरंत नहीं मिल रहा है, तब न्यायालय किसी भी अन्य व्यक्ति को वारण्ट निदिष्ट कर सकता है एवं वही व्यक्ति वारण्ट का निष्पादन करेगा।
CrPC 1972 की धारा 73
2. दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1972 की धारा 73 के अनुसार:- किसी ऐसे व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष उपस्थित करने के लिए जो दोषसिद्ध होने के बाद भाग गया हो, या ऐसा व्यक्ति जिस पर अजमानतीय अपराध का आरोप लगा हो एवं गिरफ्तारी से बच रहा है तब न्यायालय पुलिस अधिकारी से भिन्न किसी भी व्यक्ति को वारण्ट निदिष्ट कर सकता है।
क्योंकि ज्यादातर अपराधी या आरोपी पुलिस की वर्दी देखकर भाग जाते हैं या पुलिस अधिकारी को पहचानते हैं। इसलिए न्यायालय पुलिस से भिन्न किसी भी व्यक्ति को वारण्ट निदिष्ट कर सकता है।
"इसी प्रकार दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 38 कहती है की किसी भी व्यक्ति (आम जनता) को ऐसे व्यक्ति की सहायता करने का कानूनी अधिकारी है जो पुलिस अधिकारी नहीं है और न्यायालय के वारण्ट का निष्पादन कर रहा है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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