Madhya Pradesh government school teachers recruitment news
मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। शासन ने दोनों विभागों के लिए कॉमन काउंसलिंग का आयोजन कर दिया और 4000 टॉपर्स को उनकी मर्जी के खिलाफ ट्राइबल डिपार्टमेंट में भेज दिया। अब सभी परेशान हैं और समाधान की मांग कर रहे हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय ने हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं माना
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए लोक शिक्षण संचालनालय, नोडल एजेंसी है। सभी फैसले उसी को करने हैं। जो उम्मीदवार स्कूल शिक्षा विभाग में ज्वाइन करना चाहते थे उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। हाई कोर्ट किस बात से सहमत था कि चयनित उम्मीदवार को किस विभाग में सेवा देनी है, इसके चुनाव का अधिकार उसके पास होना चाहिए। कम से कम विकल्प तो होना ही चाहिए। उच्च न्यायालय ने लोक शिक्षण संचालनालय को इसके लिए निर्देशित भी किया परंतु संचालनालय में न्यायालय की बात नहीं मानी।
स्कूल शिक्षा विभाग को अच्छे शिक्षक क्यों नहीं दिए जा रहे
यहां एक प्रश्न यह भी उपस्थित होता है कि अच्छे नंबर लाने वालों को जबरदस्ती जनजातीय कार्य विभाग में क्यों भेजा जा रहा है। क्या कारण है कि स्कूल शिक्षा विभाग के स्कूलों को टॉप करने वाले शिक्षक नहीं दिए जा रहे हैं। अनुसंधान का विषय है कि, क्या इसके पीछे कोई खास रणनीति है।
✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।