भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के अवर सचिव श्री वीरन सिंह भलावी द्वारा जारी परिपत्र में लिखा है कि, माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा सिविल अपील क्रमांक 4675/2019 तथा अन्य समतुल्य समस्त याचिकाओं में पारित निर्णय दिनांक 07-05-2019 के अनुपालन में जारी विभागीय आदेश क्रमांक एफ 1-23/2019/38-3 दिनांक 26-02-2020 में लेख किया गया है कि अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में अनुदानित पदों पर कार्यरत शिक्षकों की अधिवार्षिकी आयु 62 वर्ष से बढ़ा कर 65 वर्ष निर्धारित की जाती है तथा ऐसे सभी पात्र शिक्षकों के वेतन का भुगतान राज्य शासून द्वारा किया जाएगा।"
संगीत शिक्षकों को नहीं मिलेगा लाभ
अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के यूजीसी वेतनमान प्राप्त करने वाले शिक्षकों द्वारा शासकीय महाविद्यालयों के समान 65 वर्ष की अधिवार्षिकी आयु प्रदान किए जाने हेतु माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर याचिकाओं में माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुपालन में विभाग द्वारा आदेश दिनांक 26-02-2020 जारी किया गया है। विभागीय आदेश में 'शिक्षक' का उल्लेख होने तथा उसको स्पष्ट रूप से परिभाषित वर्गीकृत न किए जाने के कारण संगीत महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा भी 65 वर्ष की अधिवार्षिकी आयु का लाभ चाहा गया है क्योंकि उनका पदनाम भी शिक्षक है, जबकि वे राज्य शासन के वेतनमान अनुसार वेतन प्राप्त करते है व तृतीय श्रेणी संवर्ग में हैं। संगीत महाविद्यालयों के शिक्षकों को तृतीय श्रेणी संवर्ग का होने के कारण इन्हें यूजीसी वेतनमान प्रदान नहीं किया जाता है।
अतः स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त संदर्भित विभागीय आदेश दिनांक 26-02-2020 अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में अनुदानित पदों पर कार्यरत यूजीसी वेतनमान प्राप्त करने वाले प्राचार्य / प्राध्यापक सहायक प्राध्यापक पर ही लागू माना जाए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।