Madhya Pradesh Chunav politics news
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं। अतिथि विद्वान अपनी पुरानी मांग को लेकर एक बार फिर से लामबंद होने लगे हैं। ग्वालियर में पिछले 180 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है। अब भोपाल में बड़ी रैली के आयोजन का ऐलान किया गया है। इधर अतिथि विद्वानों की लामबंदी रोकने के लिए खास रणनीति पर काम शुरू हो गया है। खबर फैलाई जा रही है कि उच्च शिक्षा विभाग में एक महत्वपूर्ण मीटिंग का आयोजन हो चुका है जिसमें अतिथि विद्वानों को बड़ी सौगात देने का फैसला किया गया है।
अतिथि विद्वानों का फायदा उठाकर सिंधिया मंत्री और शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बन गए
मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का मुद्दा, एक ऐसा मुद्दा है जिसका श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं श्री शिवराज सिंह चौहान ने भरपूर फायदा उठाया। सिंधिया केंद्रीय मंत्री बन जाए और शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री परंतु अतिथि विद्वान आज भी लावारिस हैं। जिसे भी मौका मिला उसने पीएचडी जैसी डिग्री प्राप्त कर चुके 4500 अतिथि विद्वानों की भावनाओं के साथ खेला, फायदा उठाया और छोड़ दिया। सिर्फ भोपाल समाचार डॉट कॉम पहले दिन से अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण के समर्थन में खड़ा है।
क्या सचमुच उच्च शिक्षा विभाग में कोई मीटिंग हुई है
उच्च शिक्षा विभाग की मीटिंग में अतिथि विद्वान और स्कूल शिक्षा विभाग की मीटिंग में अतिथि शिक्षकों के बारे में बातचीत कोई नई बात नहीं है। लगभग हर तीसरी मीटिंग में अतिथि विद्वानों के विषय पर थोड़ी बहुत चर्चा हो ही जाती है। इस तरह की चर्चा कभी समाचार का विषय नहीं होती। जब तक कोई प्रस्ताव बनकर तैयार ना हो जाए, जब तक वह प्रस्ताव अप्रूवल के लिए डिस्पैच ना हो जाए। तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि अतिथि विद्वानों को कोई सौगात मिलने वाली है।
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