Madhya Pradesh Chunav politics news
मध्य प्रदेश की राजनीति में कर्मचारियों ने हमेशा ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है परंतु इस साल कुछ अलग हो रहा है। कर्मचारियों के 3 गुट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। पहला जो भाजपा की विचारधारा से जुड़े हुए हैं और सरकार के कामों से संतुष्ट हैं। दूसरा जो शिवराज सिंह से नाराज हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रति निष्ठा के कारण मैदान में उतरने को तैयार नहीं है और तीसरा जो कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रहा है। एक और गुट है जो कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़ा है परंतु कमलनाथ को पसंद नहीं करते लेकिन ऐसे शिक्षकों की संख्या काफी कम है।
भोपाल में गुपचुप मीटिंग में तय हुआ सब नेताओं के फायदे का एजेंडा
रविवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शिक्षकों के 4 संगठनों के नेताओं ने एक होटल में कुछ इस प्रकार की मीटिंग आयोजित की जिसके फोटो सार्वजनिक नहीं किए गए। इस मीटिंग में तय किया गया कि, अकेले-अकेले सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के सभी प्रयास विफल हो गए हैं और इसके कारण कमलनाथ नाराज हैं। उनके प्रति अपनी निष्ठा प्रकट करने के लिए सब को एक साथ आना होगा और सभी के मुद्दों को मिलाकर एक नया मांग पत्र बनाकर राजधानी में बड़ा प्रदर्शन करना होगा। इसकी तारीख भी तय कर ली गई है। फिलहाल भोपाल पुलिस और प्रशासन को इसकी सूचना नहीं दी गई है लेकिन बताया जा रहा है कि आने वाले 15 दिनों के भीतर एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
भोपाल पुलिस ऐसे आंदोलन को कुचल देती है
अब तक का रिकार्ड बताता है कि जब भी कर्मचारी हित के नाम पर किसी हिडन एजेंडे को पूरा करने के लिए राजधानी भोपाल में कोई आंदोलन या प्रदर्शन करने की कोशिश की गई तो भोपाल पुलिस ऐसे आंदोलन को कुचल देती है। या तो परमिशन ही नहीं दी जाती या फिर लास्ट मिनट में परमिशन कैंसल करके सीमाएं सील कर दी जाती है। नेताओं को हिरासत में ले लिया जाता है। अब देखना यह है कि मई के महीने में प्लान किया गया शिक्षकों का आंदोलन, जमीन पर उतर पाता है या नहीं।
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