Madhya Pradesh news- law and politics
मध्य प्रदेश ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर समुदाय की जाति निर्धारित करने के लिए निर्देश नहीं दिए थे बल्कि उन्हें पिछड़ा मानते हुए शिक्षा और नौकरी में आरक्षण देने की बात कही थी। इसलिए ट्रांसजेंडर समुदाय को ओबीसी की लिस्ट में शामिल नहीं करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल कर लिया है और इस प्रकार ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग शिक्षा और नौकरी में ओबीसी के लिए सुनिश्चित 14% (27% प्रस्तावित) आरक्षण के हकदार हो गए हैं।
मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 94 पर ट्रांसजेंडर समुदाय
M.P. OBC ADVOCATES WELFARE ASSOCIATION ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के चेयरमैन सहित सभी सदस्यों को संबोधित पत्र में लिखा है कि, मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में दिनांक 11.04.2023 को ट्रांसजेंडर को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने की स्वीकृति दी गई है। तत्पश्चात् मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 18.04.2023 द्वारा पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विभाग के पत्र क्र. एफ 6-3-2022 चैवन- 1. राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 93 के उपरांत क्रमांक 94 पर ट्रांसजेंडर समुदाय को मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1995 की धारा 11 (1) के अंतर्गत जोड़ा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर समुदाय की जाती निर्धारित करने के लिए नहीं कहा था
उक्त के संबंध में स्पष्ट करना चाहते है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने WP (C) 400 of 2012 & 605 of 2013 में पारित निर्णय दिनांक 15.04.2014 के पृष्ठ क्रमांक 128 बिन्दु क्रमांक 129 (3) में राज्य एवं केन्द्र सरकारों को निर्देश दिए कि ट्रांसजेंडर को सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए मानते हुए शिक्षा एवं सेवाओं में आरक्षण दे न कि ट्रांसजेंडर को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में डाले जाने के निर्देश दिये है। कर्नाटक सरकार ने अपने कर्नाटक सिविल सर्विस रूल 1977 में संशोधन करते हुए में भर्ती नियम 2021 में ट्रांसजेंडर को सीधी भर्ती में 01 प्रतिशत होरिजॉटल आरक्षण प्रदान किया।
ट्रांसजेंडर समुदाय को कर्नाटक राज्य की तरह होरिजेंटल रिजर्वेशन दिया जाए
अतः महोदय से निवेदन है कि ट्रांसजेंडर को म.प्र. पिछड़ा वर्ग की राज्य सूची से हटाने का कष्ट करें। साथ ही कर्नाटक राज्य सरकार के नियम को आदर्श मानते हुए मध्यप्रदेश में ट्रांसजेंडर को होरिजॉटल रिर्जवेशन प्रदान किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।
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