MP NEWS- SEB BHOPAL समूह 5 आयुष विभाग की सभी नियुक्तियां हाई कोर्ट के निर्णय के अध्याधीन

जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह 5 संयुक्त भर्ती परीक्षा के अंतर्गत आयुष विभाग के आयुर्वेद फार्मासिस्ट पद की सभी नियुक्तियां उस याचिका WP 7412/2023 के निर्णय के अध्याधीन घोषित कर दी हैं जो याचिकाकर्ता श्री हरिशंकर सोनी द्वारा दाखिल की गई है। 

कर्मचारी चयन मंडल एवं आयुष विभाग को हाईकोर्ट का नोटिस जारी

याचिकाकर्ता जिला रीवा निवासी हरिशंकर सोनी व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट की 28 सीटों के विज्ञापित पद के लिए आयोजित परीक्षा में भाग लिए थे, जिसमें से 5 सीटें ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं। याचिकाकर्ता ने फॉर्म भरकर परीक्षा में भाग लिया था और उसे परीक्षा में शामिल होने के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल द्वारा प्रवेश पत्र जारी किया गया था। 

याचिकाकर्ता ने चयन परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया और ओबीसी श्रेणी में रैंक 1 हासिल कर मेधावी रहे। निदेशालय आयुष मध्य प्रदेश द्वारा याचिकाकर्ता को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया था, जिस पर आयुक्त, निदेशालय आयुष मध्य प्रदेश द्वारा अंतिम चयन सूची दिनांक 02.03.2023 को प्रकाशित किया गया, जिसमें कई उम्मीदवारों के नाम नहीं थे और इसलिए उम्मीदवारों से राज्य के विभिन्न हिस्सों से 06.03.2023 को भोपाल में आयुष निदेशालय कार्यालय पहुंचे, जहाँ पर आयुष विभाग ने आलस्य में उच्च रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन के लिए एक नोटिस जारी किया, लेकिन उनके नाम चयन सूची दिनांक 02.03.2023 में शामिल नहीं किये। 

आयुक्त, आयुष निदेशालय ने मेधावी उम्मीदवारों के दस्तावेजों के पुन: सत्यापन पर कोई भी चयन सूची प्रकाशित नहीं की, बल्कि केवल उन उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित की, जो पुन: दस्तावेज सत्यापन विभिन्न कारणों से अपात्र पाए गए थे। उन्ही उम्मीदवारों में से एक याचिकाकर्ता भी था जिसे इस आधार पर अपात्र घोषित कर दिया गया गया था कि फॉर्म भरने के समय उसके पास वैध जीवित रोजगार पंजीकरण कार्ड नहीं था।

व्यावसायिक परीक्षा मंडल, भोपाल एवं आयुक्त, संचालनालय आयुष मध्यप्रदेश के इस मनमाने कृत्य से व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता श्री धीरज कुमार तिवारी के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट याचिका दाखिल कर माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। और उसमें याचिकाकर्ता श्री धीरज कुमार तिवारी के वकील द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष व्यक्त किया गया था कि इसी तरह की परिस्थिति में, माननीय न्यायालय की एक समन्वय पीठ ने पहले ही याचिकाकर्ता जैसे याचिकाकताओं को अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया है। 

याचिकाकर्ता एक रैंक 1 से उतीर्ण मेधावी उम्मीदवार और वैसे भी व्यावसायिक परीक्षा मंडल, भोपाल और आयुक्त, आयुष संचालनालय, मध्य प्रदेश ने याचिकाकर्ता के आवेदन पत्र को कभी भी अस्वीकार नहीं किया और उसे केवल जीवित रोजगार पंजीकरण कार्ड नहीं होने के कारण नियुक्ति से वंचित किया जा सकता और वो भी चयन प्रक्रिया के अंत में। उत्तरदाताओं द्वारा कभी भी इस पर सवाल नहीं उठाया गया था और इसलिए विज्ञापन में किसी भी खंड के शर्तों को आवेदन पत्र जमा करने के समय प्रभावी मानना चाहिए और याचिकर्ता का आवेदन उसी समय निरस्त किया जाना चाहिए था, न कि चयन प्रक्रिया के अंत में जब आवेदन पत्र स्वीकार किया गया हो और कभी भी खारिज नहीं किया गया हो तो अब याचिकर्ता के उतीर्ण हो जाने के बात उस पद से वंचित नहीं किया जा सकता। 

उक्त तर्क उपरांत विचार करने के बाद, माननीय उच्च न्यायलय म.प्र. की एकल पीठ न्यायमूर्ति श्री विवेक अग्रवाल ने राज्य के वकील और याचिकाकर्ता के वकील श्री धीरज कुमार तिवारी के तर्कों पर विचार करने के बाद याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम राहत दी। और मध्यप्रदेश आयुष विभाग द्वारा विज्ञापित समूह 5 पदों में की गई समस्त नियुक्तियां माननीय न्यायालय के निर्णय के अधीन होंगी, का आदेश पारित किया साथ ही निर्देश दिया कि यदि याचिकाकर्ता सफल होता है तो उसे कनिष्ठतम उम्मीदवार के प्रत्यावर्तन के माध्यम से याचिकाकर्ता नियुक्ति दी जाएगी। 

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