Madhya Pradesh High Court news
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें समर्थन मूल्य पर खरीदे गए अनाज को सबसे पहले साईलो बैग्स में भरने का प्रावधान किया गया था। याचिका 20 वेयरहाउस संचालकों ने लगाई थी। उनका कहना था कि सरकार का यह आदेश उनके लिए हानिकारक है। जबकि सरकार की दलील थी कि यह सरकार और किसान के लिए सस्ता और फायदेमंद है।
सरकार ने अनाज खरीदी और भंडारण पथरिया के बीच में प्राथमिकता बदल दी
मध्य प्रदेश अनाज भण्डारण नीति में ज्यादा क्षमता वाले सायलो बैग्स, प्राथमिकता क्रम में पांचवें नंबर पर थे लेकिन अचानक ही सरकार ने नीति में बदलाव कर उन्हें दूसरे नंबर पर रख दिया था। सायलो बैग्स पहले भरने से सैकड़ों की तादात में वेयरहाउस खाली रह जाने की आशंका थी लिहाजा 20 वेयर हाउस संचालकों ने अचानक बदली गई नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
इसमें कहा गया था कि भण्डारण प्रक्रिया शुुरु होने के बाद अचानक नियम नहीं बदले जा सकते और अगर सायलो बैग्स पहले भरे गए तो वेयर हाउस संचालक अपने गोदाम ना भर पाने की वजह से बैंकों के कर्ज भी नहीं चुका पाएंगे। बहरहाल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से अचानक भण्डारण नियम बदलने पर स्पष्टीकरण मांगा है और सायलो बैग्स पहले भरने के आदेश पर रोक लगा दी है।
प्रक्रिया के बीच में कैडर चेंज नहीं कर सकते: एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी
याचिकाकर्ता के वकील सत्येन्द्र ज्योत्षी ने बताया कि रबी की फसलों को रखने के लिए 2023 में राज्य सरकार नें एक केडर नियुक्त किया था जिसमें पालिसी बनाई गई थी, इसमें सायलो बैग्स को पांचवें नंबर में रखा गया था, याने की जब जरूरत के हिसाब से अनाज रखा जाएगा, पर सरकार नें अचानक ही इस केडर में बदलाव कर दिया। जिसको लेकर सिहोरा के 20 वेयरहाउस मालिकों नें हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट नें सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन और ब्रांच मैनेजर जबलपुर को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा है।
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