चीता शराब नहीं पीता फिर लिवर कैसे फेल हो गया, परांठे नहीं खाता फिर हार्टअटैक कैसे आया - MP NEWS

Bhopal Samachar

Kuno National Park news

डॉक्टर कहते हैं कि यदि शराब पियोगे तो लिवर फेल हो जाएगा, ज्यादा परांठे खाओगे तो हार्ट अटैक आ जाएगा। कूनो नेशनल पार्क में रहने वाले चीते ना तो शराब पीते हैं और ना ही परांठे खाते हैं। फिर ऐसा कैसे हो गया, एक चीता का लीवर फेल हो गया और दूसरे चीता को हार्ट अटैक आ गया। सरल सवाल यह है कि उनको क्या खिलाया जा रहा है। एक चीता पर पब्लिक का 25 करोड़ से ज्यादा खर्चा हो रहा है। सवाल तो बनता है और जवाब भी चाहिए। 

कूनो नेशनल पार्क का चीता प्रोजेक्ट इतना महत्वपूर्ण क्यों है

चीता, भारत के पारिस्थितिक तंत्र के लिए अत्यंत आवश्यक है। बहुत सारे लोग पारिस्थितिक तंत्र को नहीं जानते परंतु सरल शब्दों में इतना समझ लेना जरूरी है कि यदि भारत की जमीन पर 400 साल बाद भी मनुष्य की प्रजाति को जीवित देखना चाहते हैं तो आज कूनो नेशनल पार्क में चीता का जिंदा रहना और उसकी आबादी का बढ़ना जरूरी है। यही कारण है कि भारत के प्रधानमंत्री ने ना केवल इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई बल्कि स्वयं आकर इसे महत्वपूर्ण भी बनाया, इसके बावजूद पिछले कुछ दिनों में दो चीतों की मौत हो गई। 

चीता उदय अचानक बीमार क्यों हुआ

पहली मादा चीता की मौत पर वन विभाग के अधिकारियों ने प्रेस नोट जारी करके कहा कि, वह तो दक्षिण अफ्रीका से बीमार ही आई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि उसका लिवर फेल हो गया था। अब दूसरे नर चीता की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि उसकी मृत्यु का कारण कार्डियक अरेस्ट है। सवाल यह है कि 24 घंटे पहले तक पूरी तरह से स्वस्थ रहने वाला नर चीता जिसे तमाम जांच पड़ताल के बाद शिकार करने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया था। अचानक उसकी तबीयत खराब क्यों हुई और क्यों उसका इलाज नहीं किया जा सका। 

चीता उदय, क्या बेहोशी में कार्डियक अरेस्ट का शिकार हुआ

बताया गया है कि वन विहार नेशनल पार्क भोपाल के एक विशेषज्ञ ने बीमार चीता का इलाज शुरू किया था। सुबह 11:00 बजे उसे बेहोश (ट्रैंकुलाइज) किया गया था और शाम 4:00 बजे उसकी मृत्यु हो गई। सवाल यह है कि चीता को कार्डियक अरेस्ट कब हुआ। क्या बेहोश होने के बाद हार्टअटैक का शिकार हुआ। क्या इलाज के दौरान कोई गड़बड़ हो गई। 

चीता को फ्रिज में रखा हुआ बासी मांस क्यों खिलाया

2 चीतों की मौत के बाद कूनो नेशनल पार्क से कई खबरें निकल कर आ रही है। यहां तक कि सीसीटीवी वीडियो भी निकल कर आ गया है जो वन विभाग द्वारा आधिकारिक रूप से रिलीज नहीं किया गया परंतु वीडियो गलत नहीं है। एक खबर यह भी आ रही है कि क्वारंटाइन के दौरान चीतों को कई बार फ्रिज में रखा हुआ बासी मांस खाने के लिए दिया गया। इसके कारण 5 चीतों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर देखा गया था। इनमें से 2 की मृत्यु हो गई है। 

जवाब मांगता सवाल- क्या उत्तम ही सर्वोत्तम है

खबरें सही हो या गलत लेकिन प्रत्येक सूचना और समाचार की जांच जरूरी है। वन विभाग का जंगलराज नहीं चलना चाहिए। एक वरिष्ठ पत्रकार ने सवाल उठाया है कि क्या उत्तम ही सर्वोत्तम है, श्री उत्तम शर्मा आईएफएस को प्रोजेक्ट सिंह परियोजना का डायरेक्टर, ग्वालियर का सीसीएस और शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क का डायरेक्टर जैसे 3-3 महत्वपूर्ण पद क्यों दे रखें हैं जबकि कूनो नेशनल पार्क के लिए फुल टाइमर रेजिडेंट डायरेक्टर की जरूरत है। 

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