जबलपुर। कई मामले सामने आ चुके हैं और यह स्पष्ट होता जा रहा है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में मेरिट वालों को जानबूझकर जनजातीय कार्य विभाग में भेजा गया, जबकि उन से कम नंबर वालों को उनकी चॉइस के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग और ट्राइबल डिपार्टमेंट के स्कूलों में पदस्थापना दी गई। एक मामले में हाईकोर्ट ने शासन से पूछा है कि मेरिट वालों के साथ ऐसा क्यों किया गया।
श्रीमती गरिमा पटेल बनाम मध्यप्रदेश शासन - शिक्षक भर्ती विवाद
मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग एवं ट्राइबल विभाग के प्राथमिक शिक्षकों के 20000 से अधिक पदों पर जारी नियुक्ति आदेशों में व्यापक पैमाने पर की गई अनियमितताओं को हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई। चुनौती देने वाली याचिकाकर्ता श्रीमती गरिमा पटेल ने पात्रता परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर प्रदेश स्थरीय अनारक्षित वर्ग में 3079 रैंक प्राप्त की तथा आपने आरक्षित वर्ग में 399 रैंक हासिल करके उन्होंने अपनी पदस्थपना कटनी जिला के किसी भी स्कूल में चॉइस दाखिल की थी।
दिनांक 30/3/2023 को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समस्त मध्यप्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारियो के माध्यम से जारी पदस्थापना आदेश में याचिकाकर्ता को कहीं पर भी नियुक्ति नहीं दी गई बल्कि उनका नाम ट्राइबल डिपार्टमेंट की लिस्ट में आरक्षित वर्ग में प्रदर्शित कर दिया गया। उन्हें एकतरफा मंडला जिले में पदस्थापना का आदेश दिनांक 7 अप्रैल 2023 को जारी कर दिया गया।
श्रीमती गरिमा पटेल ने अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक WP 8482/2023 प्रस्तुत की जिसकी सुनवाई आज दिनांक 17 अप्रैल को सिंगल बेंच द्वारा की गई। अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने अपनी दलील में बताया कि याचिकाकर्ता ओबीसी श्रेणी की अभ्यर्थी हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ, रितेश आर शाह तथा भारत संघ बनाम रमेश राम के प्रश्न में। आरक्षित वर्ग की पदस्थापना से संबंधित प्रतिपादित मार्गदर्शी सिद्धांतों सहित मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग अधिनियम 1994 की धारा 4(4) के विपरीत याचिकाकर्ता की ट्राइबल डिपार्टमेंट में पोस्टिंग कर दी गई है। जबकि याचिकाकर्ता ने चॉइस फिलिंग में ट्राइबल डिपार्टमेंट का एक भी स्कूल नहीं चुना था।
इसके विपरीत जिस कैंडिडेट के नंबर याचिकाकर्ता से कब आए थे उसे उसकी चॉइस के अनुरूप विद्यालय दिया गया।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने अपनी दलील में यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती से संबंधित ताजा फैसले से भी अवगत कराया। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मध्य प्रदेश शासन के वकील को निर्देशित किया है कि वह शासन से पूछ कर बताएं कि मेरिट वालों को उनकी मर्जी के खिलाफ ट्राइबल डिपार्टमेंट में क्यों भेजा गया। सुनवाई की अगली तारीख 24 अप्रैल 2023 निर्धारित की गई है।
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