Madhya Pradesh Government employees news
मध्य प्रदेश के गुना जिले में प्राथमिक स्कूल के शिक्षक श्री धर्मेंद्र सोनी ने अपने ही क्लास रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें बताया है कि किस प्रकार उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। श्री सोनी अपने घर पर भी सुसाइड कर सकते थे परंतु स्कूल में आत्महत्या करके शायद वह मध्य प्रदेश की स्कूल शिक्षा व्यवस्था में स्थापित अवैध वसूली की प्रक्रिया को सबके सामने लाना चाहते थे। सुसाइड नोट पढ़िए, अपने आप समझ में आ जाएगा कि शिक्षक को किस प्रकार से और किस हद तक प्रताड़ित किया जाता है:-
गुना के प्राथमिक शिक्षक श्री धर्मेंद्र सोनी का सुसाइड नोट
मुझे छतर सिंह लोधा सीएसी बमोरी तथा राजीव यादव बीईओ बमोरी द्वारा इतना अधिक प्रताड़ित किया जा रहा है कि मैं मानसिक रूप से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा हूं। छतर सिंह द्वारा बार-बार मेरे स्कूल का निरीक्षण किया जाता है। कभी स्कूल बंद का फोटो मेरे मोबाइल पर भेजकर धमकाया जाता है कि बीईओ साहब को भेजूंगा, डीईओ साहब को भेजूंगा। कई बार एक हजार रुपए, ढाई हजार रुपए, पांच हजार रुपए तक दे चुका हूं। इसी वजह से मैं आर्थिक रूप से और मानसिक रूप से बहुत परेशान हो चुका हूं।
निरीक्षण के दौरान यदि मैं स्कूल पर मिल जाता हूं, तो भी परेशान किया जाता है कि बच्चों को कुछ नहीं आता। बच्चे इतना कम क्यों आते हैं, स्कूल का रिकॉर्ड सही नहीं है। खाना मीनू अनुसार नहीं बनता, जबकि खाना बनाने की जिम्मेदारी समूह वाले पर है। बीईओ राजीव यादव द्वारा स्कूल बंद का नोटिस बार-बार दिया जाता है, इसके बदले हजार, ढाई हजार, पांच हजार रुपए की मांग की जाती है।
मेरे परिवार में मेरे वृद्ध माता-पिता तथा मेरी पत्नी, दो बच्चे हैं। अब इतने से वेतन में बच्चों, माता-पिता, पत्नी को पालूं कि बीईओ, सीएसी को रुपए दूं। मेरी प्रशासन से इतनी ही विनती है कि मुझे आत्महत्या करने को मजबूर करने वालों को छोड़ा न जाए और मेरे वृद्ध माता-पिता तथा पत्नी और बच्चों का ध्यान रखा जाए।
यह कहानी मध्य प्रदेश के कई शिक्षकों की है
बिल्कुल यही कहानी मध्य प्रदेश के कई शिक्षकों की है। उन्हें पढ़ाना आता है परंतु पढ़ाने नहीं दिया जाता। लगातार प्रताड़ित किया जाता है। स्टाफ के सामने अपमानित किया जाता है और कई बार तो क्लास रूम में विद्यार्थियों के सामने जलील किया जाता है। जब तक शिक्षक उनके सामने घुटने नहीं टेक देता तब तक किसी न किसी प्रकार से उसे प्रताड़ित किया जाता रहता है। यह सब कुछ एक संगठित तरीके से चलता है और कई बार जिला शिक्षा अधिकारी की जानकारी में चलता है। गुना के पास शिवपुरी जिले में भी कई शिक्षकों द्वारा इसी प्रकार की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या की जा चुकी हैं।
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