Madhya Pradesh Government employees news
मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय के निर्देश पर निलंबित कर्मचारियों को 3 महीने बाद 75% निर्वाह भत्ता के नियम को समाप्त किया जा रहा है। कई कर्मचारी संगठन, एक्टिविस्ट एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले संगठनों ने इसकी मांग की थी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस पॉलिसी
विभागीय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस पॉलिसी के तहत मांगों को स्वीकार करते हुए उचित निर्णय के लिए निर्देशित किया था। यह प्रक्रिया फरवरी के महीने से शुरू हो गई थी और अब बताया जा रहा है कि ड्राफ्ट तैयार हो गया है। नियमों में संशोधन किया जाएगा। इसके तहत निलंबित कर्मचारी एवं अधिकारी को निर्वाह भत्ता का नए सिरे से निर्धारण किया जाएगा।
सनद रहे कि अब तक मध्य प्रदेश में यदि किसी शासकीय कर्मचारी अथवा अधिकारी को किसी भी कारण से सस्पेंड किया जाता है तो पहले 3 महीने तक उसे उसके वेतन का 50% निर्वाह भत्ता दिया जाता है और उसके बाद 75% निर्वाह भत्ता दिया जाता है। इसके पीछे लॉजिक यह था कि किसी भी कर्मचारी को सस्पेंड करने के 3 महीने के भीतर आरोप पत्र देने के बाद विभागीय जांच की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए।
यदि ऐसा नहीं होता तो शासन की लापरवाही का खामियाजा निलंबित कर्मचारी को नहीं दिया जा सकता इसलिए उसे 3 महीने बाद 75% निर्वाह भत्ता दिया जाता है और यदि निर्धारित अवधि में निलंबित कर्मचारी को आरोप पत्र नहीं दिया जा सका तो उसका निलंबन समाप्त करने के नियम है। अब इन नियमों को संशोधित किया जा रहा है।
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