मामला बड़ा गंभीर है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चोरी के आरोपी के साथ गंभीर चर्चा करते हुए फोटो वायरल हो रही है। एक तरफ शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठाए जा रहे हैं और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक को लेकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी टारगेट पर आ गए हैं। सिर्फ एक सवाल सबसे महत्वपूर्ण है कि वह कौन है जिसने चोरी के आरोपी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठकर भोजन करने के लिए लिस्टेड किया और वह कौन है जिसने सब कुछ जानते हुए भी, मुख्यमंत्री की सुरक्षा को खतरा और प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने वाला यह घटनाक्रम होने दिया।
मुख्यमंत्री भू अधिकार पत्र वितरण कार्यक्रम का विवादित फोटो
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में दिनांक 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री भू अधिकार पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के कुछ एक्सक्लूसिव फोटो वीडियो मध्यप्रदेश शासन की एजेंसियों द्वारा वायरल किए गए थे जिसमें एक फोटो में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, एक युवक के साथ बैठकर भोजन करते हुए किसी गंभीर विषय पर चर्चा करते हुए दिखाई दे रहे थे।
न्यायालय में मध्यप्रदेश शासन ने अरविंद को चोर बताया है
बताया गया है कि मुख्यमंत्री के साथ बैठकर भोजन करने वाले युवक का नाम श्री अरविंद गुप्ता है। वन विभाग के डिप्टी रेंजर श्री संजीव रंजन ने बताया है कि श्री अरविंद गुप्ता एवं श्री जय प्रकाश गुप्ता को दिनांक 7 अप्रैल को लकड़ी चोरी के आरोप में पकड़ा था। 8 अप्रैल को माननीय न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया था। 10 अप्रैल को जमानत मंजूर होने के बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया था।
शासन की सूची में चोर, सरकार का मेहमान कैसे हुआ
सवाल उठना लाजमी है कि जो व्यक्ति 10 अप्रैल को जेल से बाहर निकल कर आया हो उस व्यक्ति के साथ 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच पर बैठकर भोजन क्यों कर रहे थे और उसके साथ ऐसी कौन सी गंभीर विषय पर बातचीत चल रही थी। जो हुआ सो हुआ लेकिन सरकारी एजेंसियों ने इस फोटो को इतना वायरल क्यों किया।
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