Madhya Pradesh Mantralay news
भोपाल। एक से अधिक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर श्री अनिल पाठक को उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी के पद से हटाकर मूल विभाग (उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान भोपाल) में भेज दिया गया है।
शैलेंद्र सिंह ने हटा दिया था परंतु केसी गुप्ता ने वापस बुला लिया था
बताया गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर मध्य प्रदेश में कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी डिग्री जारी किए जाने की उच्च स्तरीय जांच की गई थी। श्री शैलेंद्र सिंह आईएएस एवं तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ने श्री अनिल पाठक एवं निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्री भरत सिंह सहित कुछ अन्य लोगों की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया था। जांच की निष्पक्षता के लिए श्री शैलेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मुख्य सचिव श्री बाल सिंह बैंस के पास सभी संदिग्ध पदाधिकारियों को, पद से हटाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। जिसके आधार पर श्री अनिल पाठक को मंत्रालय से हटाकर उनके मूल संस्थान में भेज दिया गया था लेकिन श्री शैलेंद्र सिंह के रिटायर होने के बाद श्री केसी गुप्ता IAS, उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पदस्थ किया जाए। उन्होंने श्री अनिल पाठक को उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय में वापस बुला लिया था।
खबर का हुआ असर
जब भोपाल के पत्रकारों ने इस मामले को उठाया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री अनिल पाठक की उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय में पदस्थापना को निरस्त करने के निर्देश दिए। श्री पाठक को वापस अपनी मूल पदस्थापना के लिए भेज दिया गया है।
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