Madhya Pradesh OBC reservation High Court news
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के मामलों की दैनिक सुनवाई प्रक्रिया के दूसरे दिन याचिकाकर्ताओं की ओर से चीफ जस्टिस के सामने आवेदन प्रस्तुत किया गया। इसमें याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच की मांग की है। आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है, 24 अप्रैल को इस आवेदन पर फैसला होने की उम्मीद है।
ओबीसी एससी एसटी एकता मंच ने क्षेत्राधिकार का प्रश्न उपस्थित किया
उपरोक्त जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, ओबीसी आरक्षण के मामलों की दैनिक सुनवाई जस्टिस शील नागू एवं जस्टिस डीडी बंसल की खंडपीठ द्वारा 18 अप्रैल को शुरू की गई। आज 19 अप्रैल को ओबीसी एससी एसटी एकता मंच के अधिवक्ता उदय कुमार ने चीफ जस्टिस के समक्ष उपस्थित होकर एक आवेदन दिया जिसमें उन्होंने दावा किया है कि याचिका क्रमांक 5901/2019 में दिनांक 16 अगस्त 2022 को जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस जीडी बंसल द्वारा एक आदेश पारित किया गया। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि उनको ओबीसी आरक्षण के मामलों को सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश द्वारा ओबीसी आरक्षण के मामलों की सुनवाई के लिए जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेंद्र सिंह को अधिकृत किया गया था। इनमें से जस्टिस वीरेंद्र सिंह दिनांक 13 अप्रैल को रिटायर हो गए हैं एवं ओबीसी आरक्षण के मामलों की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस द्वारा अभी तक किसी भी स्पेशल बेंच का गठन नहीं किया गया है। अतः मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच का गठन किया जाना चाहिए।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर ठाकुर ने बताया कि चीफ जस्टिस महोदय ने याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता उदय कुमार को निर्देशित किया कि वह इस संबंध में रजिस्ट्रार के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत करें ताकि उस पर विचार किया जा सके। निर्देशानुसार अधिवक्ता उदय कुमार द्वारा आवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। इस प्रक्रिया के कारण आज ओबीसी आरक्षण के मामलों की सुनवाई नहीं हुई। अगली तारीख 24 अप्रैल 2023 निर्धारित की गई है।
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