Madhya Pradesh primary school teachers recruitment high Court news
जबलपुर। मध्य प्रदेश में हाल ही में नियुक्त किए गए 19 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में विवाद उपस्थित हो गया है। दावा किया गया है कि नवनियुक्त शिक्षकों को गलत नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं। हाईकोर्ट में लोक शिक्षण संचालनालय एवं जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्तों के खिलाफ उच्च न्यायालय की अवमानना की याचिका दाखिल की गई है। इसकी सुनवाई अगले हफ्ते होगी।
मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के पद पर डीएलएड के बजाए BEd वालों को नियुक्त कर दिया
प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के लगभग 19000 से अधिक पदों पर दिनांक 28 मार्च 2023 को नियुक्तियां संपन्न की गई। मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के पद की सामान्य योग्यता कक्षा 12 पास तथा डीएलएड निर्धारित है परंतु मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग की नोडल एजेंसी लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा प्राथमिक शिक्षक पद हेतु स्नातक एवं BEd को मान्य किया गया। जबकि राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, हरियाणा आदि कई राज्यों में सुप्रीम कोर्ट एवं संबंधित हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार प्राथमिक शिक्षकों के लिए BEd डिप्लोमा को नियुक्ति नहीं दी गई है।
बच्चों के लिए संविधान के अनुच्छेद 21(a) में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन
इस संबंध में B.Ed डिग्री धारकों द्वारा दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के विभिन्न फैसलों के अनुसार प्राथमिक शिक्षा कक्षा 1 से कक्षा 5 तक, 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चों को अध्यापन कराने का प्रशिक्षण केबल डीएलएड पाठ्यक्रम में ही दिया जाता है। BEd कोर्ट में मिडिल एवं हाई स्कूल के विद्यार्थियों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। यदि BEd डिप्लोमा धारकों को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी जाती है तो वह भारत के बालकों को प्रदत्त संविधान के अनुच्छेद 21(a) में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों का भी उल्लंघन होगा।
मध्यप्रदेश में प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों को गलत नियुक्ति पत्र बांट दिए
अधिवक्ता श्री रामेश्वर ठाकुर द्वारा भोपाल समाचार डॉट कॉम को बताया गया कि, इन सभी मुद्दों को आधार बनाकर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में उनके द्वारा WP 17468 /2022 तथा 595/2023 दायर की गई है, जिसमें जबलपुर हाई कोर्ट द्वारा 7 जुलाई 2022 को तथा 25 जनवरी 2023 को डिवीजन बेंच द्वारा अंतरिम आदेश पारित कर प्राथमिक शिक्षकों की समस्त भर्ती प्रक्रिया को उपरोक्त याचिकाओं के निर्णय के अध्याधीन की गई थी लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय एवं ट्राइबल डिपार्टमेंट द्वारा हाईकोर्ट के उक्त अंतरिम आदेश को नजरअंदाज करते हुए संबंधित अभ्यर्थियों को दिनांक 28 मार्च 2023 को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए। उक्त नियुक्ति पत्रों में याचिकाओं में पारित आदेश का हवाला नहीं दिया गया है।
अवमानना याचिका पर सुनवाई अगले हफ्ते
याचिकाकर्ताओं की ओर से डीपीआई एवं ट्राइबल विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही करने हेतु आवेदन दाखिल किए गए हैं। जिसकी सुनवाई आज दिनांक 11 अप्रैल 2023 को विद्वान न्यायधीश जस्टिस शील नागू एवं जस्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ द्वारा की गई। उक्त आवेदन रिकॉर्ड पर उपलब्ध नहीं होने के कारण माननीय न्यायालय द्वारा दोनों मामलों की अगली सुनवाई अगले हफ्ते नियत की गई है।
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