जबलपुर। एमपी स्टेट बार कौंसिल द्वारा प्रदेश के अधिवक्ताओं की डिग्री की जांच की जाएगी। स्टेट बार कौंसिल के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी व कोषाध्यक्ष मनीष तिवारी ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की डिग्री की जांच कराने को लेकर आदेश जारी किए हैं।
वकीलों की डिग्री का वेरीफिकेशन रूल्स 2015
बार कौंसिल आफ इंडिया ने वर्ष 2015 में वेरीफिकेशन रूल्स 2015 फ्रेम किया था। जिसके अनुसार वकीलों की सनद का नवीनीकरण पांच वर्ष में होने के साथ डिग्री का सत्यापन किया जाना है। इसके लिए स्टेट बार कौंसिल ने प्रशासनिक समिति का गठन किया है। समिति अध्यक्ष राधेलाल गुप्ता ने बताया कि सत्यापन व नवीनीकरण की प्रक्रिया जारी है।
बिना प्रैक्टिस वाले वकीलों की सनद कैंसिल की जाएगी
वहीं चर्चा यह भी है कि प्रदेश के ऐसे अधिवक्ता जो सिर्फ डिग्री लेकर बार कौंसिल से सनद प्राप्त कर बैठे हैं और न ही कहीं प्रैक्टिस करते हैं और न ही वकालत। ऐसे अधिवक्ताओं की सनद को लेकर भी विचार किया जा सकता है और उन्हें नोटिस भेजा जा सकता है।
दरअसल प्रदेश भर में ऐसे कई लोग हैं जो केवल अपने नाम के आगे अधिवक्ता लिखने के लिए डिग्री लेकर बार कौंसिल में रजिस्ट्रेशन कराकर सनद प्राप्त कर लेते हैं लेकिन वे किसी भी न्यायालय में प्रेक्टिस नहीं करते हैं। ऐसे अधिवक्ताओं को लेकर पूर्व में भी नोटिस भेजे जा चुके हैं।
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