Madhya Pradesh bureaucracy news
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुश्री नेहा मारव्या की जांच में भ्रष्टाचार के दोषी बताए गए मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के डायरेक्टर श्री ललित मोहन बेलवाल तथा सुषमा रानी शुक्ला सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
नेहा मारव्या IAS की जांच के आधार पर जनहित याचिका
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में श्री भूपेंद्र कुमार प्रजापति द्वारा जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी। अधिवक्ता श्री बनाए प्रसाद साह एवं श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष प्रस्तुत किया गया। यह जनहित याचिका भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुश्री नेहा मारव्या की एक जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तुत की गई थी जिसमें उपरोक्त सभी अधिकारियों को भ्रष्टाचार का दोषी बताते हुए इनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण चलाने की सिफारिश की गई थी, परंतु शासन स्तर पर इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश जस्टिस सीन नागु एवं जस्टिस डीडी बंसल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद मध्यप्रदेश शासन को निर्देशित किया है कि वह समय सीमा के भीतर जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। खंडपीठ ने जनहित याचिका को अंतिम निराकरण के लिए सुरक्षित रख लिया है।
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