मध्य प्रदेश के उज्जैन में ₹25000 की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए कॉन्स्टेबल रवि कुशवाहा के साथी आसिफ पेंटर की इंदौर में मौत हो गई। उसे गंभीर जली हुई अवस्था में इंदौर लाया गया था। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें आसिफ पेंटर आग में जलता हुआ दिखाई दे रहा है और लोगों को बता रहा है कि पुलिस वालों ने उसे जिंदा जला दिया है।
आसिफ पेंटर कौन है और लोकायुक्त मामले में आरोपी क्यों था
लोकायुक्त पुलिस ने जब कॉन्स्टेबल रवि कुशवाहा को ₹25000 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा तब आसिफ पेंटर उसके साथ मौजूद था। लोकायुक्त पुलिस के आते ही कॉन्स्टेबल रवि कुशवाहा ने रिश्वत के ₹25000 आसिफ पेंटर को दिए और आसिफ पेंटर भाग गया। इसलिए लोकायुक्त पुलिस ने रवि कुशवाहा के साथ आसिफ पेंटर को भी आरोपी बनाया है।
आसिफ पेंटर को पुलिस ने क्यों जलाया होगा
वायरल वीडियो में जलता हुआ युवक खुद बता रहा है कि उसे पुलिस ने जला दिया है। उसकी मृत्यु के बाद उज्जैन में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस को सूचना देने के बाद भी घटना के 1 घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पब्लिक ने उसकी आग बुझाई और उसे अस्पताल पहुंचाया। नोट करने वाली बातें के सबसे पहले एसपी सचिन शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे उसके बाद पुलिस के दूसरे अधिकारी आए। ज्यादातर लोग सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचने से बच रहे थे। इसलिए कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
लोगों का कहना है कि आसिफ पेंटर पुलिस के कई अधिकारियों के लिए रिश्वत वसूली का काम करता था। सटोरियों और दूसरे कई प्रकार के नियमित अपराधियों से हर सप्ताह और हर महीने वसूली की जाती है। आसिफ पेंटर इसी प्रकार की वसूली के लिए कलेक्शन एजेंट था। जब लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा तब इसी प्रकार की वसूली हो रही थी और उस ₹25000 में कई अधिकारियों का हिस्सा था। लोगों का कहना है कि राज को राज बनाए रखने के लिए आसिफ पेंटर को जिंदा जला दिया गया। यदि वह भागकर पब्लिक के बीच में नहीं आता तो उसकी बॉडी का भी पता नहीं चलता।