Madhya Pradesh government school teacher recruitment news
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती च्वाइस फिलिंग विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश शासन के अलावा मेरिट लिस्ट में कम रैंक प्राप्त करने वाले कुछ उम्मीदवारों द्वारा याचिका को खारिज करने का निवेदन किया गया परंतु हाई कोर्ट शासन की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ एवं निर्देशित किया कि अगले सप्ताह पूरी तैयारी के साथ प्रस्तुत हों।
मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती- च्वाइस फिलिंग विवाद क्या है
मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए संयुक्त भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। लोक शिक्षण संचालनालय को इसके लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया था। जबकि पात्रता परीक्षा का आयोजन कर्मचारी चयन मंडल द्वारा किया गया था। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने अपनी मर्जी के अनुसार मेरिट लिस्ट में टॉप पर आने वाले उम्मीदवारों को ट्राइबल डिपार्टमेंट में और उनके बाद शेष बचे उम्मीदवारों को स्कूल शिक्षा विभाग की चयन सूची में डाल दिया एवं उम्मीदवारों से च्वाइस फिलिंग का अधिकार छीन लिया।
जबलपुर हाईकोर्ट में आज की कार्यवाही का विवरण
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि, मध्य प्रदेश शासन के अलावा मेरिट लिस्ट में कम रैंक प्राप्त करने वाले कुछ उम्मीदवारों ने भी इस याचिका को निरस्त करने हेतु निवेदन किया था। मध्यप्रदेश शासन ने इंदौर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के डिसीजन के आधार पर याचिका को खारिज करने की मांग की। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिका को खारिज नहीं किया जाएगा। इंदौर खंडपीठ में संपूर्ण नियम एवं तथ्यों को प्रस्तुत नहीं किया गया था। शासन की ओर से जो उत्तर प्राप्त हुआ है वह अपूर्ण है। जल्दबाजी में दिए गए उत्तर के आधार पर न्याय नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने शासन को 1 सप्ताह का समय दिया है। कहा है की पूरी तैयारी करके आएं और सभी प्रश्नों के उत्तर लेकर आएं।
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