Madhya Pradesh government school teachers recruitment news
जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के लिए शिक्षकों की भर्ती कर रही नोडल एजेंसी लोक शिक्षण संचालनालय हाईकोर्ट में हार गया। वह साबित नहीं कर पाया कि उम्मीदवारों को उनकी मर्जी और मंजूरी के खिलाफ ट्राइबल डिपार्टमेंट में नियुक्ति देना उचित था एवं उसके अधिकार क्षेत्र में आता था।
इससे पहले भी कई उम्मीदवारों के मामले में आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय का आदेश हाई कोर्ट द्वारा पलट दिया गया है। ताजा मामला प्रियंका पटेल तथा गरिमा पटेल का है। दोनों ने क्रमशः सागर एवं कटनी में पदस्थापना की मांग की थी। चॉइस फिलिंग में उन्होंने जनजातीय कार्य विभाग के किसी भी स्कूल का चयन नहीं किया था लेकिन फिर भी लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा उनकी जानकारी और मंजूरी के बिना उनकी नियुक्ति जनजातीय कार्य विभाग के स्कूल में कर दी। उनके अभ्यावेदन पर भी विचार नहीं किया गया। पीड़ित होकर दोनों उम्मीदवारों को हाईकोर्ट में न्याय के लिए आना पड़ा।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने विद्वान न्यायाधीश जस्टिस संजय द्विवेदी की खंडपीठ में दलील प्रस्तुत करते हुए कहा कि लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ सहित अनेक मामलों में सुप्रीम कोर्ट के प्रतिपादित मार्गदर्शी सिद्धांतों के खिलाफ चयन सूची जारी की गई है। WP 8479/2023 की सुनवाई के बाद विद्वान न्यायाधीश जस्टिस संजय द्विवेदी की खंडपीठ ने कमिश्नर डीपीआई को आदेश दिया कि 30 दिन के भीतर दोनों उम्मीदवारों को उनकी पसंद के अनुसार सागर जिला एवं कटनी जिला में पदस्थ किया जाए।
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