मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती- संयुक्त काउंसलिंग के बाद स्कूल एलॉटमेंट सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विपरीत- MP NEWS

Madhya Pradesh government school teachers recruitment news

शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल, अभ्यर्थियों की स्कूल शिक्षा विभाग एवम जनजातीय कार्य विभाग मे शिक्षक पद पर नियुक्ति हेतु संयुक्त काउंसलिंग आयोजित की गई थी। परंतु, कुछ अभ्यर्थियों को दिए गए विकल्प के विपरीत जनजातीय कार्य विभाग के विद्यालय आवंटित किए गए हैं।

उदाहरण के लिए, हरदा निवासी श्री कपिल शर्मा द्वारा 2018 हाई स्कूल शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल हुए थे। चयन प्रक्रिया के पश्चात्, स्कूल शिक्षा विभाग की द्वितीय काउंसलिंग, उनके द्वारा गणित विषय में 1730 (ओबीसी) रैंक धारित करते हुए, नियुक्ति हेतु, विकल्प के रूप में नियुक्ति हेतु सभी स्कूल, स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन चुने थे। तथापि, उन्हे जनजातीय कार्य विभाग की संस्था अलॉट की गई। वहीं दूसरी ओर, गणित विषय में रैंक 1825, 1827, 1836, 1845 (ओबीसी) को स्कूल शिक्षा के स्कूल्स अलॉट कर नियुक्ती दी गई है। निःसंदेह मेरिट पर अतिक्रमण करके नियुक्तियों को किया गया है। अतः श्री शर्मा उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण लेने जा रहे हैं। 
आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी को यदि मेरिट के आधार पर, यदि अनारक्षित श्रेणी में रखा जाता है, तथापि सेवाओं के चयन हेतु, उसे पुनः आरक्षित श्रेणी में जाने का अधिकार है, जिससे की अलाभकारी स्थिति नही उत्पन्न हो। आरक्षण नीति के अनुसार, स्कूल या सेवा का आबंटन, उच्चतम न्यायालय दिल्ली के अनुसार मेरिट के आधार पर होना चाहिए। परंतु, शासन का रवैया अत्यंत मनमाना है। ✒ लेखक श्री अमित चतुर्वेदी, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के अधिवक्ता है एवं जबलपुर में प्रैक्टिस करते हैं। 

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