Madhya Pradesh Gwalior weather forecast
इस प्रकृति में सिर्फ इंसान ही रास्ता नहीं भटकते बल्कि कई बार बादल भी रास्ता भटक जाते हैं। अफगानिस्तान से पाकिस्तान होकर पंजाब और हरियाणा में बरसने के लिए निकले बादल रास्ता भटक कर ग्वालियर चंबल संभाग के आसमान पर पहुंच गए हैं। आइए जानते हैं कि मौसम विज्ञान के विशेषज्ञ इस घटना के बारे में क्या कहते और रास्ता भटक कर आए बादल ग्वालियर चंबल संभाग में कब और कितना बरसेंगे।
पंजाब हरियाणा के बादल भटक कर ग्वालियर आ गए
मौसम विज्ञान की भाषा में इसे वेस्टर्न डिस्टरबेंस कहते हैं। यह बादल पृथ्वी के पश्चिमी क्षेत्र में समुद्र के अंदर तूफान आने से बनते हैं और अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के रास्ते भारत के पंजाब एवं हरियाणा में बरसते हैं, लेकिन इस साल आसमान में गड़बड़ हो गई। जिन बादलों को पंजाब और हरियाणा जाना था वह मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग के आसमान में आ गए। अब जब बादल आ ही रहे हैं तो बिना बरसे नहीं जाएंगे। इसीलिए पिछले कुछ दिनों से ग्वालियर चंबल संभाग में बारिश हो रही है।
बादलों का यातायात प्रबंधन करने वाला कोई सरकारी डिपार्टमेंट नहीं है इसलिए रास्ता भटके हुए बादलों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। इसके कारण ग्वालियर शहर में दिन का तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस कम हो गया। इन दिनों में जब ग्वालियर की जमीन 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पर गर्म हो जाती थी, आज मात्र 32.5 डिग्री सेल्सियस पर सामान्य थी। रात का तापमान भी मात्र 17.8 डिग्री सेल्सियस रह गया है। यानी एसी और कूलर चलाना तो दूर की बात पंकज चलाने की जरूरत भी नहीं है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरीके से बादलों के आने का सिलसिला जारी है कम से कम अगले 5 दिन तक यही स्थिति बनी रहेगी। क्योंकि यह अपने बादल नहीं है इसलिए इनकी आदतों का भी पता नहीं है। कौन कितना गरजेगा और कौन कितना बरसेगा, कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन फिलहाल आसमान में बादलों का जमघट कम है इसलिए जनजीवन को प्रभावित करने वाली बारिश तो नहीं होगी।
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