Madhya Pradesh OBC reservation high court news
जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में 27% ओबीसी आरक्षण से संबंधित सभी याचिकाओं की दैनिक सुनवाई शुरू किए जाने के बाद, ओबीसी एससी एसटी एकता मंच द्वारा आपत्ति दर्ज कराते हुए, स्पेशल एवं न्यूट्रल बेंच गठित करने की मांग की गई थी। उनके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया है एवं मुख्य न्यायाधीश महोदय ने स्पष्ट किया है कि डिवीजन बैंक नंबर दो इस मामले की सुनवाई करेगी।
ओबीसी एससी एसटी एकता मंच के आवेदन में क्या था
ओबीसी एससी एसटी एकता मंच के अधिवक्ता श्री उदय कुमार दिनांक 19 अप्रैल को एक आवेदन के माध्यम से ओबीसी आरक्षण की सुनवाई के लिए विशेष बेंच के गठन की मांग की थी जो न्यूट्रल भी हो। आवेदन में कहा गया था कि खंडपीठ में ऐसे न्यायाधीशों को नियुक्त किया जाना चाहिए जो सामान्य अथवा ओबीसी जाति से ना हो। अन्यथा की स्थिति में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन होगा। दलील दी गई थी कि, मुख्य न्यायाधीश द्वारा ओबीसी आरक्षण के मामलों की सुनवाई के लिए जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेंद्र सिंह को अधिकृत किया गया था। इनमें से जस्टिस वीरेंद्र सिंह दिनांक 13 अप्रैल को रिटायर हो गए हैं, इसलिए स्पेशल बेंच का गठन होना चाहिए।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा स्पष्ट किया गया कि, ओबीसी आरक्षण के मामलों की सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच नंबर दो अधिकृत किया गया था। इस खंडपीठ का अधिपति कोई भी हो, वह सुनवाई के लिए अधिकृत है। न्यायधीश के बदल जाने से खंडपीठ की अधिकारिता प्रभावित नहीं होती। जाति के आधार पर न्यायाधीशों की नियुक्ति की मांग को भी मुख्य न्यायाधीश महोदय द्वारा खर्च कर दिया गया।
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