Madhya Pradesh OBC Aarakshan news
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित लगभग 66 याचिकाएं लंबित हैं। इनकी सुनवाई दिनांक 24 अप्रैल 2023 को जस्टिस शील नागू एवं जस्टिस डीडी बंसल की खंडपीठ द्वारा की जाएगी। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटिशन दाखिल कर दी है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण विवाद के निपटारे के लिए क्या किया था
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा पिछली सुनवाई में यह निर्धारित किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट में पूर्व से समान मुद्दे को लेकर 4 याचिकाएं विचाराधीन है, हाई कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश शासन को निर्देशित किया गया था कि उक्त याचिकाओं की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में समुचित कार्यवाही करें। जब मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोई समुचित कार्रवाई नहीं की गई तो हाई कोर्ट द्वारा दिनांक 18 अप्रैल से नियमित सुनवाई निर्धारित कर दी तथा कहा कि सबसे पहले वन बाय वन याचिकाकर्ताओं को चलेंगे उसके बाद मध्यप्रदेश शासन को सुना जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट क्यों गई
अब मध्यप्रदेश शासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक ट्रांसफर पिटिशन दाखिल कर दी गई है। जिसका डायरी नंबर 16441/2023 है। उप याचिका में मध्यप्रदेश शासन द्वारा यह राहत चाही गई है कि ओबीसी के 27% आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बेंच द्वारा इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ के प्रकरण में अपहेल्ड किया गया है, दूसरी ओर इंदिरा साहनी के जजमेंट में यह व्यवस्था भी दी गई है कि कुल आरक्षण की 50% की सीमा विशेष परिस्थितियों में बढ़ सकती है जो कि मध्यप्रदेश में विद्यमान हैं एवं इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ के निर्णय के पैरा नंबर 810 में व्यवस्था दी गई है कि यदि आरक्षण की सीमा किसी राज्य में 50% से ऊपर बढ़ाई जाती है तो उसकी न्यायिक समीक्षा करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को ही होगा।
उक्त प्रकरण में विशेष परिस्थितियां क्या होंगी, इसका निर्धारण तथा उक्त पैरा में प्रयुक्त शब्द दुर्गम क्षेत्र एवं रिमोट एरिया क्या होंगे, परिभाषित नहीं किया गया है। समस्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश शासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक ट्रांसफर याचिका दिनांक 19 अप्रैल 2023 को दाखिल की गई है तथा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में विचाराधीन समस्त ओबीसी आरक्षण के प्रकरणों को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई किए जाने की राह चाही गई है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई 28 अप्रैल 2023 को होगी।
उपरोक्त जानकारी मध्यप्रदेश शासन की ओर से नियुक्त विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं बनाए प्रसाद शाह द्वारा दी गई। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।