Best Low investment high profit business ideas
यदि आप अपने स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो फंडिंग के लिए किसी इन्वेस्टर के पास जाने की क्या जरूरत है जब सरकार 10 लाख रुपए तक का ग्रांट दे रही है। एक दर्जन से ज्यादा प्रोडक्ट है। भारत की किसी भी शहर में शुरू किए जा सकते हैं।
Business Opportunity
फूड प्रोसेसिंग का मार्केट लगातार बढ़ता जा रहा है। इसमें कई कंपनियां करोड़ों का टर्नओवर कर रही है। एक तरफ बड़े ब्रांड बन चुके हैं तो दूसरी तरफ लोकल ब्रांड उन्हें टक्कर दे रहे हैं। भारत सरकार चाहती है कि, फूड प्रोसेसिंग की जितनी भी संभावनाएं हैं, सब पर काम किया जाए। यही कारण है कि सरकार ने लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए फाइनेंसियल सपोर्ट देना शुरू कर दिया है। अब, जबकि सरकार की तरफ से सपोर्ट मिल रहा है तो फिर इस बिजनेस अपॉर्चुनिटी का फायदा तो उठाना बनता है।
New Business Plan
Micro Food Industry लगाइए। इस पर सरकार की तरफ से 35% और अधिकतम 1000000 रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है। यह लोन नहीं है और इसे बाद में चुकाने की जरूरत नहीं है। आपको केवल उद्यान विभाग में संपर्क करना है और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत आने वाले उद्योगों की लिस्ट प्राप्त करके अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी है। डिपार्टमेंट की तरफ से अप्रूवल मिलते ही आप काम शुरू कर सकते हैं।
Micro Food Industry में कौन-कौन से प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं
हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट।
मिर्ची प्रोसेसिंग यूनिट।
केले के चिप्स की यूनिट।
दाल प्रोसेसिंग यूनिट।
बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट।
पापड़ प्रोसेसिंग यूनिट।
अचार, कुरकुरे, ब्रेड, मावा, पनीर, आइसक्रीम, मिठाइयां और किसी भी प्रकार की फसल की प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं। कुल मिलाकर 3 कैटेगरी में सैकड़ों प्रोडक्ट में से किसी की भी यूनिट लगा सकते हैं।
1. फूड प्रोसेसिंग यूनिट।
2. मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट।
3. फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट।
कुछ लोग कह सकते हैं कि सरकारी सिस्टम में काफी परेशानी होती है लेकिन किसी इन्वेस्टर से पैसा लेकर उसे प्रॉफिट देने अथवा बैंक में प्रॉपर्टी को गिरवी रख कर लोन लेने से सरकारी सिस्टम में थोड़ा सा परेशान होना ज्यादा अच्छा है। सबसे बढ़िया बात यह है कि ना केवल सरकार की तरफ से अनुदान मिलता है बल्कि लोकल फॉर वोकल के तहत प्रशासन की तरफ से प्रमोशन भी मिलता है और गवर्नमेंट सप्लाई के लिए एलिजिबिलिटी भी मिल जाती है। 35 लाख रुपए लगाकर किसी चायवाला की फ्रेंचाइजी लेने से अच्छा है माइक्रो फूड इंडस्ट्री लगाई जाए।घर में बैठकर किसी भी प्रकार का अनुमान लगाने से बेहतर है कि उद्यान विभाग में संपर्क किया जाए। अपनी रिसर्च एंड स्टडी कहीं ना कहीं तो काम आएगी। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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