Madhya Pradesh Police employees news
जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 13 आरक्षकों की याचिका पर गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रस्तुत जवाब से असंतुष्ट होने के बाद डिंडोरी जिले के पुलिस अधीक्षक को तलब कर लिया है। आदेश दिया गया है कि वह दिनांक 11 मई को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में उपस्थित होकर इस मामले में उत्पन्न हुए सवालों के जवाब दें।MP NEWS- डिंडोरी में 13 आरक्षकों का प्रमोशन, वर्षों से होल्ड पर
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता डिंडौरी निवासी राजेश मरावी सहित 13 आरक्षकों की ओर से अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडे व अंचन पांडे ने पक्ष रखा। आरक्षकों की ओर से अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडे व अंचन पांडे ने हाई कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ता 20 से 25 वर्ष से पुलिस विभाग में सेवा दे रहे हैं। वर्तमान में वे आरक्षक पद पर कार्यरत हैं। आलम यह है कि उनकी जूनियर, 2-3 प्रमोशन प्राप्त करके सब इंस्पेक्टर तक बन गए परंतु उनके प्रमोशन को अब तक होल्ड पर रखा गया है।
शासन ने हाईकोर्ट को 10 साल बाद जवाब दिया
इस वजह से याचिकाकर्ताओं को विभाग, परिवार व समाज में नीचा देखना पड़ रहा है। इससे मानसिक अवसाद की स्थिति बन गई है। जिसका असर उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से हाई कोर्ट में दलील दी गई कि 2012 में याचिका दायर की गई थी। तब से लेकर अब तक सरकार की ओर से टाल मटोली का रवैया अपनाया जा रहा है। अब जाकर जो जवाब पेश किया गया है, वह भी महज रस्म अदायगी से अधिक कुछ भी नहीं।
इससे मामला सुलझने के बदले और उलझने की कगार पर पहुंच गया है। कायदे से याचिकाकर्ताओं की वरिष्ठता का सम्मान कर उन्हें पदोन्नति का लाभ दिया जाना चाहिये। इस सिलसिले में पुलिस अधीक्षक से सीधे जवाब मांगा जाना न्यायहित का तकाजा है। हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत हाेकर एसपी को हाजिर होकर स्पष्टीकरण पेश करने के निर्देश दे दिए हैं। अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 मई को होगी।
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