Madhya Pradesh Khargon accident news
मध्य-प्रदेश के खरगोन में वह बस एक्सीडेंट के मामले में खरगोन के आरटीओ सुश्री बरखा रोकड़े को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में सबसे पहले भोपालसमाचार ने जिम्मेदारी को लेकर सवाल किया था। जबकि अन्य माध्यमों के द्वारा पूरे दिन भर इस घटना को किसी प्राकृतिक आपदा की तरह प्रस्तुत किया जाता रहा था।
खरगोन बस एक्सीडेंट का संक्षिप्त विवरण
मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले में बड़ा रोड एक्सीडेंट हो गया। एक यात्री बस नदी पर बने पुल को तोड़ते हुए 50 फीट नीचे नदी में जा गिरी। इस हादसे में 15 यात्रियों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी। शेष 9 यात्रियों की अस्पताल ले जाते समय अथवा अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हुई। यह संख्या बढ़ भी सकती है। घटना मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में खरगोन-ठीकरी रोड पर दसंगा गांव की है। बोराड्ड नदी के पुल पर सुबह 9:40 बजे यह हादसा हुआ। यह बस श्रीखंडी से इंदौर जा रही थी। नदी सूखी हुई है उसमें पानी नहीं है। इतनी अधिक ऊंचाई से नीचे गिरने के कारण बस में सवार एक भी यात्री सकुशल नहीं रह पाया।
मुआवजा का ऐलान करके श्रद्धांजलि दे दी गई थी
इतने बड़े हादसे के बावजूद राजधानी में सरकार की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कहा गया था कि, खरगोन जिले में हुई भीषण बस दुर्घटना में हमारे 22 भाई-बहन नहीं रहे। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना है। संकट की इस घड़ी प्रदेश सरकार इन परिवारों के साथ खड़ी है। भोपाल समाचार में इसी पर आपत्ति उठाई थी, क्योंकि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। खटारा बसों को सड़क पर दौड़ने से रोकना परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। 1 दिन पहले भिंड में चलती शीतला बस में आग लग गई थी। जब तक आईटीओ को इसके लिए जिम्मेदार नहीं बताया जाएगा तब तक व्यवस्था में सुधार नहीं होगा।
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