भारत के संविधान में अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 32 तक सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। नागरिकों को कुल छः प्रकार के मौलिक अधिकार प्राप्त हैं जिनका वर्णन हमने पूर्व के लेखों में कर दिया। लेकिन इनके कुछ अपवाद भी हैं अर्थात भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार किन लोगों को प्राप्त नहीं हो सकते हैं उसके लिए अनुच्छेद 33 में स्पष्ट रूप से बता दिया गया है, जानिए।
भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के अनुच्छेद 33 की परिभाषा
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 33 भारत की संसद को अधिकार देता है कि वह कानून बनाकर निम्न वर्गों के व्यक्ति को मिलने वाले मौलिक अधिकार पर रोक लगा सकती है:-
1. सभी सशस्त्र बल (पुलिस बल, रेलवे आदि सभी), सेना (जल, थल, वायु तीनों) के सैनिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों पर।
2. लोक व्यवस्था रखने वाले सभी बलो के सदस्यों की एवं राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के ब्यूरो संगठन (CBI, IB, CID, खुफिया (गुप्त) विभाग आदि) के सदस्यों के मौलिक अधिकार पर।
3. कुछ हद तक मीडिया, न्यूज, संचार सेवाओं, सूचना सेवाओं के सदस्यों के मौलिक अधिकार पर।
कुलमिलाकर कहें तो उपर्युक्त वर्ग के लोग आम नागरिकों से अलग होते हैं और सेवा काल में यह वर्ग अपने विभागीय कर्तव्यों से बंधे होते हैं, जैसे पुलिस सेवा के सदस्य पुलिस विनियमो से इसी प्रकार सेना के सदस्य सेना विधि से आदि। इस लिए इनके मौलिक अधिकार पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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