article 48 constitution of india
भारत एक कृषि प्रधान देश है एवं लगभग 80% जनसंख्या गाँवो में निवास करती है और यहाँ के लोग कृषि पर निर्भर रहते हैं। भारत में आजादी की लड़ाई किसानों पर टैक्स (लगान) के खिलाफ लड़ी गई थी। इसलिए आजादी के बाद भारत के संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि सरकार को किसानों के हित में किस प्रकार के काम करने चाहिए। पूरे भारत में किसानों के हित में जितनी भी योजनाएं चल रही हैं वह सभी भारतीय संविधान के दिशानिर्देशों के कारण चल रही हैं।भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 48 की परिभाषा
भारत के संविधान का अनुच्छेद 48 राज्य को यह निर्देश देता है कि वह कृषि और पशुपालन को आधुनिक एवं वैज्ञानिक प्रणालियों पर संगठित करने का प्रयास करे। साथ ही गायों, बछड़ों एवं अन्य दुधारू नस्ल के पशुओं का परिरक्षण करे एवं पशुओं की स्थिति सुधारने के लिए उनके वध पर प्रतिबंध करे।
"कुल मिलाकर साधारण शब्दों में कहें तो अनुच्छेद 48 का उद्देश्य कृषि संबंधित योजनाओं को किसान तक पहुंचाना एवं पुरानी पद्धति से होने वाली कृषि को आधुनिक उपकरणों से जोड़ना हैं। अर्थात आज कृषि एवं किसान संबंधित जितनी भी योजनाएं हैं और पशुपालन या पशुओं से संबंधित जितनी भी योजनाएं है इसी अनुच्छेद की देन है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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