minimum qualification changed for teacher recruitment
भारत में केंद्र सरकार द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों एवं सभी राज्य सरकार द्वारा संचालित शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत होगी। NEP-2020 के अंतर्गत प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक शिक्षक भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता बदल दी गई है। प्रश्न उपस्थित हो गया है कि क्या उम्मीदवारों की BEd की डिग्री बेकार हो जाएगी। यदि कोई शिक्षक बनना चाहता है तो उसे एक नया कोर्स करना पड़ेगा।7 साल बाद भारत में शिक्षक की नौकरी के लिए न्यूनतम योग्यता
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया कि NEP 2020 की सिफारिशों के तहत ही चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। NEP 2020 की सिफारिशों के तहत ही 2030 से स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय की गई है। इसमें चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) डिग्री धारक शामिल हैं। पहला पायलट प्रोजेक्ट इसी सत्र से 41 विश्वविद्यालयों में शुरू हो रहा है। यह पाठ्यक्रम नई स्कूल संरचना के चार चरणों यानि फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा।
ITEP कोर्स का क्या फायदा होगा
ITEP न केवल अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ECCE), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN), समावेशी शिक्षा और भारत तथा इसके मूल्यों, आचारों, कला, परंपराओं की समझ व अन्य विषयों का आधार भी स्थापित करेगा। पाठ्यक्रम पूरे अध्यापक शिक्षा क्षेत्र के पुनरद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
भारतीय मूल्यों और परंपराओं पर आधारित एक बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से उत्तीर्ण होने वाले भावी शिक्षकों को 21वीं सदी के वैश्विक मानकों की आवश्यकताओं से परिचित कराया जाएगा और इस प्रकार वे नए भारत के भविष्य को स्वरूप देने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
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