मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने 108 एंबुलेंस एवं सभी सरकारी एवं प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों को निर्देशित किया है कि हमीदिया एवं गांधी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किए गए मरीजों को चिरायु अस्पताल अथवा जेके हॉस्पिटल में भर्ती कराएं।
हमीदिया हॉस्पिटल और गांधी मेडिकल कॉलेज में मरीजों का इलाज बंद
उल्लेखनीय है कि हमीदिया हॉस्पिटल भोपाल एवं गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने इन दोनों अस्पतालों के स्थान पर चिरायु अस्पताल एवं जेके हॉस्पिटल में वैकल्पिक व्यवस्था की है। मरीजों को यहां पर किसी भी प्रकार की फीस नहीं देनी होगी। सारा खर्चा सरकार वहन करेगी। डॉक्टर मरीजों को हमीदिया एवं गांधी मेडिकल कॉलेज के लिए ही रेफर करेंगे परंतु एंबुलेंस चालक मरीजों को चिरायु अस्पताल अथवा जेके हॉस्पिटल में भर्ती कराएंगे। यानी सरकारी पर दोनों प्राइवेट अस्पतालों में इलाज होगा।
हड़ताल वाले अस्पतालों में प्रशासनिक अधिकारी तैनात
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा इन दोनों मेडिकल कॉलेज में 1500 बेड आरक्षित करके रखे गए हैं। जिससे गंभीर और तुरंत रिलीफ वाले मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध हो सके और जगह जगह उन्हें भटकना नहीं पड़े। इन सभी हॉस्पिटल में शासकीय अधिकारियों को भी तैनात कर दिया गया।
कलेक्टर ने हमीदिया हॉस्पिटल और GMC का नियंत्रण अपने हाथ में लिया, 150 प्राइवेट डॉक्टर तैनात
भोपाल कमिश्नर श्री माल सिंह भयड़िया और कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने हमीदिया और जीएमसी मेडिकल कालेज में व्यवस्थाओं को बनाने में अहम भूमिका निभाते हुए सुबह 4 घंटे अस्पताल में बिताए और सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने में मुख्य भूमिका निभाई। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने 150 निजी डॉक्टरों की टीम को इलाज के लिए लगाया गया है। इसके साथ ही आयुष डॉक्टर, होम्योपैथिक, आयुर्वेद के डॉक्टरों ने भी स्वास्थ सेवाओं के सुचारु संचालन के लिए लगाया गया है। यह व्यवस्था OPD के लिए की गई है।
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