व्यापार समाचार- सरकार ने GST रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए गाइडलाइन जारी की, 2019-20 से लागू

Bhopal Samachar
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की ओर से वित्त वर्ष 2019-20 और उसके बाद GST रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए एसओपी (SoP) जारी कर दी है। इनका इस्तेमाल GST की एनालिटिक्स यूनिट की ओर से विभिन्न प्रकार की रिस्क के आधार पर जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी करने के लिए किया जाएगा

नई GST SoP में क्या लिखा है

एसओपी के मुताबिक, स्क्रूटनी के लिए जीएसटी रिटर्न का चयन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एनालिटिक्स एंड रिस्क मैनेजमेंट (DGARM) द्वारा किया जाएगा। सेंट्रल टैक्स ऑथोरिटीज के पास पंजीकृत जीएसटीआईएन का ही डीजीएआरएम की ओर से चयन किया जाएगा। इसके बाद चुने हुए जीएसटीआईएन से जुड़ी सभी जानकारी उससे जड़े हुए सेंट्रल टैक्स ऑफिसर के स्क्रूटनी डैशबोर्ड पर दिखाई देगी। इस महीने की शुरुआत में सीबीआईसी की ओर से कहा गया था कि जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए जल्द ही एक ऑटोमेटिक मॉड्यूल तैयार किया जाएगा।

GST Return की स्क्रूटनी के ऑटोमेटिक मॉड्यूल से क्या फायदा होगा

ऑटोमेटिक मॉड्यूल आने से सिस्टम की ओर से रिस्क और डाटा एनालिटिक्स के आधार पर स्क्रूटनी के लिए जीएसटी रिटर्न की पहचान की जाएगी। इससे टैक्स अधिकारियों को भी स्क्रूटनी के लिए जीएसटी रिटर्न चुनने में भी काफी आसानी होगी। एक टैक्स अधिकारी को हर महीने कम से कम चार रिटर्न की स्क्रूटनी करनी होगी।

जीएसटी स्क्रूटनी क्या होती है

बता दें, जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी के अंतर्गत टैक्स ऑफिसर किसी भी टैक्स पेयर की ओर से फाइल किए गए रिटर्न की कुछ रिस्क पैरामीटर के आधार पर जांच करता है और देखता है कि जीएसटी रिटर्न नियमों को मुताबिक फाइल किया गया है या नहीं। अगर इसमें कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो फिर जीएसटी ऑफिसर की ओर से ट्रेक्सपेयर से जवाब मांगा जाता है। 

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