भारत के सबसे प्रभावशाली राज परिवारों में से एक ग्वालियर के सिंधिया राज परिवार के सभी सदस्य 7.55 करोड़ रुपए मुआवजा का दावा करने के लिए कोर्ट में खड़े होंगे। सनद रहे कि सिंधिया राजपरिवार के मुखिया श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री भी हैं और कहते हैं कि वह जन सेवा के लिए राजनीति करते हैं। ताजा मामले में जिस जमीन का मुआवजा मांगा जा रहा है, उस पर सरकार ने जन सेवा के लिए एक पुल बनाया है।
ग्वालियर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार को बुलाया
नवमं जिला न्यायाधीश ने उस दावे में केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी मां, पत्नी व बेटे को पक्षकार बना लिया है, जिसमें केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एजी आफिस पुल की जमीन का 7.55 करोड़ रुपये 12 फीसद ब्याज के साथ मुआवजा मांगा है। दावा उनके नाम से चल सके, उन्हें हस्ताक्षर के लिए 12 मई को बुलाया है। कमलाराजे ट्रस्ट की को से छह दावेदार बताया है, जो ट्रस्ट में ट्रस्टी के पद पर हैं।
कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट का पंजीयन पेश नहीं किया
श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने एजी ऑफिस पुल की जमीन का मुआवजा लेने के लिए दावा पेश किया है। ट्रस्ट की ओर से 4 जून 2018 में जिला न्यायालय में मुआवजे का दावा पेश किया है, उसे पेश करने के लिए सिंधिया ने ट्रस्ट के सचिव विजय सिंह फालके को अधिकृत किया था, लेकिन दावा सचिव के नाम से नहीं चल सकता है। कोर्ट की आपत्ती के बाद केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, माधवी राजे सिंधिया, प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, महाआर्यमन, मृणालिनी सिंह, के भास्करन ने दावे में पक्षकार बनने के लिए आवेदन पेश कर दिया है। न्यायालय में ट्रस्ट का पंजीयन पेश नहीं किया। ट्रस्ट के वारिशान भी नहीं बताए हैं।
ट्रस्ट की ओर से स्पष्ट कर दिया कि छह ही लोग हैं, जिन्हें पक्षकार बनाया जाना है। कोर्ट ने पक्षकार बनाने के लिए पेश किए आवेदन को स्वीकार कर लिया। 12 मई को हस्ताक्षर के लिए बुलाया है। हस्ताक्षर के लिए खुद भी आ सकता हैं, या किसी को अधिकृत कर हस्ताक्षर करा सकते हैं। इसके बाद गवाही शुरू होगी।
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