Madhya Pradesh politics news
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति में नेताओं का चेहरा देखकर कार्रवाई करती है। भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग करने वाले नेता जी को नोटिस थमा दिया गया लेकिन सांसद डॉ केपी सिंह को अगले चुनाव में टिकट मिलेगा या नहीं। इसकी भविष्यवाणी करने वाली दर्जा मंत्री इमरती देवी के बयान पर संगठन को कोई आपत्ति नहीं है।
MP BJP NEWS- कुनबे में मची कलह, हर जिले में हाई वोल्टेज ड्रामे
मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों काफी कलह मची हुई है। खासकर उन विधानसभा क्षेत्रों में जहां कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक एक्टिव हैं। सिंधिया की सेना और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच खुला संघर्ष देखा जा रहा है। भाजपा कार्यसमिति की स्थिति ऐसी है कि, वह केवल भाजपा के कार्यकर्ता और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर पा रही है। सिंधिया समर्थक भाजपाइयों के खिलाफ पार्टी भी कोई कदम नहीं उठा पा रही है।
श्रीमंत महाराज साहब की नाराजगी दूर करने यादव भोपाल तलब
भारतीय जनता पार्टी में श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों का जलवा देखिए। केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में यादव समाज का कार्यक्रम आयोजित किया और भाजपा के सांसद डॉ केपी सिंह यादव को आमंत्रित तक नहीं किया। उल्टा केपी सिंह यादव के विरोधियों के साथ खड़े नजर आए। इस घटनाक्रम से या नाराज डॉक्टर केपी सिंह यादव ने श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बिना एक बयान दे दिया तो उन्हें भोपाल तलब कर लिया गया। ना केवल फटकार लगाई बल्कि यह जानकारी पत्रकारों को भी दी गई ताकि श्रीमंत महाराज साहब तक संदेश पहुंचे और उनकी नाराजगी दूर हो जाए।
तिवारी को नोटिस और इमरती से सवाल तक नहीं
इधर सागर के घमासान में महापौर श्रीमती संगीता तिवारी के पति एवं भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री सुशील तिवारी ने कैबिनेट मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर दो उन्हें तत्काल नोटिस थमा दिया गया। कार्रवाई इतनी तेजी से हुई थी, कुछ ही घंटे में सुशील तिवारी को माफी मांगनी पड़ी। दूसरी तरफ इमरती देवी ने दावा किया कि, भाजपा सांसद डॉ केपी सिंह यादव को अगले लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा। इसके बावजूद पार्टी ने कुछ नहीं कहा। दोनों मामलों में समर्थक, अपने नेता का समर्थन करते हुए नजर आए। एक मामले में पार्टी की पॉलिसी का उल्लंघन माना गया और दूसरे मामले में....।
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