sheetla bus service gwalior accident
शीतला बस सर्विस की बसों में फिटनेस पर सवाल उठ गया है। सड़क पर दौड़ती बस नंबर MP07 P 8999 में अचानक आग लग गई। लोगों को समझने का मौका मिलता है इससे पहले शीतला बस आग का गोला बन चुकी थी। शुक्र है कि बस में बीमार और बुजुर्ग यात्री नहीं थे। आग लगती सभी यात्री अपनी सक्रियता से बस से बाहर निकल आए, लेकिन उनका सारा सामान बस के साथ जल गया।
इमरजेंसी गेट नहीं खुला, यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर जान बचाई
घटना के अनुसार शीतला बस कंपनी की बस क्रमांक एमपी 07 पी 8999 रोज की तरह रविवार सुबह नौ बजे आलमपुर बस स्टैंड से ग्वालियर के लिए रवाना हुई। आलमपुर से करीब तीन किमी दूरी के बाद दतिया जिले की सीमा लग जाती है। टेड़ा-मोहनपुरा के पास बस में आग की लपटें उठने लगी। जब तक ड्राइवर ने बस को रोका, बस धू-धू कर जल उठी। यात्रियों ने खिड़की और गेट से कूदकर जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। यात्रियों का कहना है कि आग इतनी तेजी से फैली कि उन्हें अपना सामान फेंकने तक का समय नहीं मिला। सूचना पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग को बुझाया तब तक बस के अंदर के अलावा छत और डिग्गी में रखा सामान भी खाक हो गया है।
इस हादसे के लिए आरटीओ जमीदार
यह मामला बस की फिटनेस जुड़ा हुआ है। तकनीकी खराबी के कारण बस में आग लगी यानी कि बस पूरी तरीके से अनफिट थी। खटारा बस सड़क पर दौड़ रही थी। परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है कि इस तरह की बसों को सड़क पर चलने से रोका जाए, परंतु सब जानते हैं कि नियमित बस सर्विस चलाने वाली कंपनियां परिवहन विभाग को नियमित रूप से रिश्वत भी देती हैं। इसके कारण परिवहन विभाग, सड़कों पर दौड़ती अनफिट बसों के खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नहीं करता। केवल उन्हीं बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है इनकी नियमित रिश्वत प्राप्त नहीं होती।
यहां याद रखना जरूरी है कि, ग्वालियर परिवहन विभाग का स्टेट हेड क्वार्टर है। यहां परिवहन विभाग के कमिश्नर के कार्यालय है। कम से कम ग्वालियर संभाग में परिवहन विभाग का अच्छा काम दिखाई देना चाहिए।
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