ग्वालियर। हाईकोर्ट की फटकार के बाद डॉक्टरों ने घोषित हड़ताल तो बंद कर दी लेकिन अघोषित हड़ताल अभी भी जारी है। डॉक्टर अस्पताल तो आते हैं लेकिन इलाज नहीं करते। कुछ डॉक्टर देर से अस्पताल आते हैं। रिकॉर्ड के रजिस्टर बताते हैं कि, डॉक्टरों ने 50% काम करना बंद कर दिया है। ओपीडी में प्रतिदिन 2800 मरीजों का इलाज किया जाता था, अब 1400 का औसत निकल कर आ रहा है।
5 दिन में तेजी से कम हुई OPD
मौसम में परिवर्तन के चलते मेडिसिन, ईएनटी,पीडियाट्रिक और डर्माटालोजी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी लेकिन पिछले मंगलवार को डाक्टरों की दो घंटे की हड़ताल के कारण मरीजों को उपचार न मिल सका और बिना उपचार के मरीजों को वापस लौटना पड़ा। इसके बाद तीन मई को पूरी तरह से हड़ताल रखी गई हालांकि आयुर्वेद डाक्टरों ने मोर्चा संभाला भी और शाम तक न्यायालय के आदेश पर हड़ताल वापस भी हो गई। लेकिन 4 मई को कम ही डाक्टर काम पर लौटे इस कारण से मरीजों को फिर परेशानी उठानी पड़ी और बिना उपचार के लौटना पड़ा। शुक्रवार को अवकाश के चलते ओपीडी दो घंटे रही। शनिवार को ओपीडी ताे चली पर मरीज कम पहुंचे।
इनका कहना है-
अभी ओपीडी में मरीजाो की संख्या कम ही पहुंच रही है। ओपीडी में डाक्टर समय पर नहीं पहुंच रहे इसको लेकर मैं अधीक्षक से बात करता हूं। क्योंकि इससे मरीजों को नुकसान होता है। मैं पूरे मामले को दिखवाता हूं।
डा केपी रंजन, जनसंपर्क अधिकारी जेएएच
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