Madhya Pradesh employees news
इंदौर जिले में 109 स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाध्यापक फेल हो गए हैं। इनमें से ज्यादातर अपनी नौकरी के अयोग्य पाए जा सकते हैं। इन सब की योग्यता का परीक्षण होना और सभी स्कूलों की सिरे से जांच होना बहुत जरूरी है।
मामला कक्षा 5 और कक्षा 8 की बोर्ड पैटर्न पर हुई परीक्षाओं का है। रिजल्ट बताते हैं कि इंदौर जिले में 80 से ज्यादा मिडिल स्कूलों में परीक्षा परिणाम शून्य रहा। जिले के कुल 109 स्कूल ऐसे हैं जिसमें कक्षा पांच अथवा कक्षा आठ का परीक्षा परिणाम शून्य रहा। शून्य परीक्षा परिणाम का मतलब होता है बच्चों को पढ़ाया ही नहीं गया यहां तक कि बच्चों के प्रश्नों का उत्तर भी नहीं दिया गया। ऐसे स्कूलों के शिक्षकों की योग्यता का परीक्षण होना चाहिए। इस लिस्ट में कुछ प्राइवेट स्कूल भी है। उनकी मान्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए। ताकि अगले साल वह बच्चों का भविष्य बर्बाद ना कर पाए।
अयोग्य शिक्षकों को स्कूल से हटा देना चाहिए
स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक की निगरानी केवल उसकी उपस्थिति तक की जाती है। उसके प्रदर्शन का मूल्यांकन कभी नहीं किया जाता। जिस प्रकार सेना या पुलिस में अयोग्य कर्मचारी को फील्ड से हटाकर ऑफिस में अटैच कर दिया जाता है उसी प्रकार अयोग्य शिक्षकों को स्कूल से हटाकर कलेक्टर ड्यूटी में अटैच कर दिया जाना चाहिए।
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