Important judgment of supreme court
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार अब पिता की संपत्ति पर बेटा और बेटी का बराबर का हक होता है। अगर कोई हिन्दू स्त्री पति की मृत्यु के बाद संतानहीन होकर मर जाती है तब ऐसे में उसकी संपत्ति महिला के भाई को मिलेगी या पति के भाई को यह एक महत्वपूर्ण सवाल होता है जानते हैं इसका जबाब।
अरुणाचला गोंडर द्वारा वि.प्र. बनाम पोन्नूसामी और अन्य
उक्त मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया कि यदि कोई हिन्दू महिला संतानहीन होते हुए निर्वसीयती मृत होती है, तब उसने संपत्ति अपने माता पिता से प्राप्त की थी तो उसकी संपत्ति पिता के उत्तराधिकारियों को चली जाएगी अर्थात महिला के भाई, माता पिता, और भाई के पुत्र-पुत्री को। यदि महिला को संपत्ति अपने पति या शवसुर (ससुर) से विरासत में प्राप्त की थी तो पति के उत्तराधिकारियों को चली जायेगी अर्थात देवर, जेठ, ससुर आदि।
सरल शब्दों में, सुप्रीम कोर्ट का फैसला यह है कि यदि संतान हीन विधवा महिला के पास मायके पक्ष की संपत्ति थी तो उसकी मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का उत्तराधिकारी मायके पक्ष के लोग होंगे और यदि वह संपत्ति ससुराल पक्ष से प्राप्त हुई है तो उसकी मृत्यु के बाद संपत्ति के उत्तराधिकारी ससुराल पक्ष के लोग होंगे। या फिर जितनी संपत्ति मायके पक्ष की है उसके उत्तराधिकारी मायके पक्ष के लोग और जितनी संपत्ति ससुराल पक्ष की है उसके उत्तराधिकारी ससुराल पक्ष के लोग होंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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