LOVE तो अंग्रेजी शब्द है फिर महर्षि वाल्मीकि ने श्री राम के पुत्र का नाम लव क्यों रखा - GK Today

Bhopal Samachar

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बिल्कुल सही बात है कि लव एक अंग्रेजी शब्द है और वर्तमान में इसका हिंदी अर्थ होता है प्यार परंतु त्रेता युग में जब भगवान श्री राम के जुड़वा पुत्रों ने महर्षि वाल्मीकि की कुटिया में जन्म लिया तब भारत में LOVE शब्द का प्रचलन नहीं था। स्वाभाविक प्रश्न है कि फिर महर्षि वाल्मीकि ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के पुत्र का नाम लव क्यों रखा। आइए जानते हैं:- 

कुछ लोगों का मानना है कि भगवान श्री राम के दूसरे पुत्र का नाम लव नहीं बल्कि लौ (ज्वाला) था, परंतु उनके पास अपनी मान्यता को प्रमाणित करने का कोई साधन नहीं है। हिंदी भाषा के विशेषज्ञ एवं आईआईटी मद्रास से ग्रेजुएट श्री अरविंद व्यास बताते हैं कि, वाल्मीकि रामायण के उत्तरकाण्ड के सर्ग 66 में लव तथा कुश के जन्म तथा उनके नामकरण की कथा है। माता सीता ने अपने दोनों पुत्रों को घास फूस की झोपड़ी में जन्म दिया था। महर्षि वाल्मीकि ने अपने हाथ में मुट्ठी भर कुशा उठाकर दोनों नवजात शिशुओं को राक्षसों और अन्य आसुरी शक्तियों से रक्षा के लिए विशेष रक्षा सूत्र का वाचन किया। 

रक्षा मंत्र पढ़ते हुए कुशा के अग्रभाग से जिस बालक को अभिमंत्रित किया गया उस बालक का नाम कुश रखा गया और जिस बालक को जड़ से अभिमंत्रित किया गया उसका नाम लव रखा गया। संस्कृत में जल भाग को अथवा गाय की पूछ के गुच्छे को लव कहा जाता है। भगवान श्री राम के पुत्र लव का अर्थ था पौधे की जड़ और कुश का अर्थ था पौधे का अग्रभाग। 

इसका अंग्रेजी भाषा से कोई संबंध नहीं है। यह एक इत्तेफाक हो सकता है कि संस्कृत भाषा का लव शब्द अंग्रेजी भाषा में भी LOVE के रूप में उपयोग किया गया और उसका अर्थ है प्यार, जो जड़ की तरह एक संबंध को जन्म देता है और हमेशा मजबूत बनाए रखता है। 

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