जबलपुर। शराब की दुकान संचालित करने वाले व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए पद का दुरुपयोग करने वाले कैंट बोर्ड जबलपुर के अधिकारियों के खिलाफ दाखिल की गई जनहित याचिका की सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा कैंट बोर्ड जबलपुर से जवाब तलब किया गया है।
कैंट बोर्ड जबलपुर का निर्णय जिसका पालन नहीं हुआ
कैंट बोर्ड जबलपुर द्वारा दिनांक 30 अप्रैल 2016 को निर्णय लिया गया था कि कैंट एरिया में संचालित शराब की दुकानों को ट्रेड लाइसेंस जारी किए जाएंगे तथा अंग्रेजी शराब की दुकान से 4.5 लाख रुपए, देसी शराब की दुकान से 1.50 लाख रुपए और बीयर बार से 2 लाखों रुपए प्रति वर्ष ट्रेड लाइसेंस फीस की वसूली की जाएगी। कैंट बोर्ड के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने आज दिनांक तक इस निर्णय के पालन में ना तो शराब की दुकानों को कोई ट्रेड लाइसेंस जारी किया है और ना ही लाइसेंस फीस की वसूली की है। इसके कारण कैंट बोर्ड को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो गई है।
इसी सब्जेक्ट पर, दोषी अधिकारियों पर व्यक्तिगत आरोप लगाते हुए एक नामजद शिकायत सीबीआई, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को की गई थी। जब शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो शिकायतकर्ता अधिवक्ता मौसम पासी द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका क्रमांक WP 6436/2023 दाखिल की गई।
कैंट बोर्ड जबलपुर के आरोपी अधिकारियों के नाम
इस जनहित याचिका में भारत सरकार, मध्यप्रदेश शासन, सेंट्रल ऑफिसर कमांडेंट इन चीफ लखनऊ, कैंट बोर्ड जबलपुर, अध्यक्ष कैंट बोर्ड जबलपुर, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंडिया सीबीआई, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन एंटी करप्शन ब्रांच जबलपुर, इकोनामिक ऑफेंस विंग, तत्कालीन केंट सीओ श्री हरेंद्र सिंह, श्री राहुल आनंद शर्मा, श्री सुब्रत पाल तथा वर्तमान केंट सीईओ श्री अभिमन्यु सिंह, सेनेटरी इंस्पेक्टर श्री जीएस बघेल, श्रीमती चरण प्रीत कौर खन्ना को पार्टी बनाते हुए मांग की गई है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई करते हुए राजस्व की क्षति का निर्धारण करके, दोषी अधिकारियों से वसूली की जाए। तथा कैंट बोर्ड के निर्णय दिनांक 30 अप्रैल 2016 के अनुसार निर्धारित की गई ट्रेड लाइसेंस फीस शराब की दुकानों से वसूल करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
उपरोक्त याचिका की सुनवाई आज मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में विद्वान न्यायाधीश श्री शील नागू तथा हिरदेश की डिवीजन बेंच द्वारा की गई। अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद साह ने याचिकाकर्ता का पक्ष प्रस्तुत किया। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में कैंट बोर्ड जबलपुर से जवाब तलब किया है। सुनवाई की अगली तारीख 8 मई 2023 निर्धारित की गई है।
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