भोपाल। शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद शेष जीवन पेंशन के भरोसे जीने की आश होती है, लेकिन मध्य प्रदेश में 6527 प्रकरण लंबित है, जिनमें सेवानिवृत्त होने के बाद भी लोगों को पेंशन का लाभ नहीं मिला है।
हालांकि यह आंकड़ा पिछले वर्ष की अपेक्षा काफी कम हो गया है। वर्ष 2022 में पेंशन के 39,273 प्रकरण लंबित थे। एक अप्रैल 2023 की स्थिति में प्रदेश में पेंशन के 6,527 प्रकरण लंबित है। इधर सरकार का दावा है कि निराकरण के बाद पेंशन प्रकरणों में एक साल में 50 प्रतिशत की कमी हुई है। राज्य सरकार का दावा है कि एक वर्ष में प्रकरणों का त्वरित निराकरण करते हुए लंबित पेंशन प्रकरणों की संख्या में 50 प्रतिशत कमी की गई हैं।
31 मार्च 2023 तक लंबित 4619 प्रकरण निराकरण योग्य तो है, लेकिन इनमें यह देखा जाएगा कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के प्रकरणों में विभागीय जांच/ न्यायायलय प्रकरण आदि तो नहीं है। ऐसे प्रकरणों का शत-प्रतिशत निराकरण 30 जून 2023 तक करने का लक्ष्य रखा गया है। शेष 1267 प्रकरण लोकायुक्त / न्यायालय में लंबित है और 641 प्रकरणों की विभागीय जांच चल रही है।
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